D Gukesh: यह कहना गलत नहीं होगा कि अब दुनिया को सबसे कम उम्र का नया शतरंज का बादशाह मिल गया है। आज चेन्नई के रहने वाले G Gukesh शतरंज के नए शहंशाह बन चुके है। गौरतलब है कि डी गुकेश भारत के दूसरे ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने ऐसा कारनामा किया है। इससे पहले शतरंज के किंग विश्वनाथन आनंद शतरंज का खिताब 1,2 नहीं पूरे 5 बार जीत चुके है। गुकेश की जीत के बाद गौतम अडानी, सचिन तेंदुलकर, पीएम मोदी समेत कई महान हस्तियों ने उन्हें बधाई दी है।
D Gukesh ने रचा इतिहास
पूरी दुनिया में D Gukesh ने भारत का झंडा शान से ऊंचा कर दिया और यह साबित कर दिया कि वह चाहे चीन हो या फिर कोई भी देश भारत के युवा हर जगह इतिहास रचना जानते है। बता दें कि फिडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की 14वीं बाजी में D Gukesh ने चीने के डिंग लिरेन को हरा दिया। सबसे खास बात यह है कि गुकेश ने महज 18 साल की उम्र में ही यह कारनामा कर दिखा, जो अपने आप में एक आश्चर्चजनक बात है।
Viswanathan Anand 5 बार बने शतरंज के ग्रैंडमास्टर
विश्वनाथन आनंद शतरंज जगत में एक जाना माना नाम है। वह पहले ऐसे भारतीय थे जिन्होंने 5 बार शतरंज में विश्व खिताब अपने नीम किया। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वहीं उन्होंने साल 2000, 2007, 2008, 2010 and 2012 में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप बने थे, जो एक अद्भुत रिकॉर्ड है। वहीं अब D Gukesh दूसरे ऐसे भारतीय बन गए है, जिन्होंने यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
PM Modi ने D Gukesh ने दी बधाई
इस शानदार जीत के बाद पीएम मोदी ने डी गुकेश को बधाई देते हुए लिखा कि “ऐतिहासिक एवं अनुकरणीय! गुकेश डी को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट संकल्प का परिणाम है।
उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज कराया है, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है”।
किक्रेट के भगवान सचिन तेंदुलकर D Gukesh के आगे हुए नतमस्तक
सचिन तेंदुलकर ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि “64 वर्गों के खेल में, आपने अनंत संभावनाओं की दुनिया खोल दी है।
बधाई हो, डीगुकेश, महज़ 18 साल की उम्र में 18वां विश्व चैंपियन बनने पर! विशी के नक्शेकदम पर चलते हुए, अब आप भारतीय शतरंज प्रतिभाओं की अगली लहर का मार्गदर्शन कर रहे हैं”।
अडानी ने डी गुकेश को दी बधाई
अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी ने डी गुकेश की तारीफ करते हुए लिखा कि “अद्भुत! महज़ 18 साल की उम्र में, D Gukesh इतिहास रच दिया है! क्या उपलब्धि है – सबसे कम उम्र के निर्विवाद शास्त्रीय शतरंज विश्व चैंपियन,
जिसने महान डिंग लिरेन को हराया! यह सिर्फ एक जीत नहीं है – यह भारत की शतरंज क्रांति के लिए एक निर्णायक क्षण है, जहां चैंपियनों की एक पूरी साहसी पीढ़ी सपने देखने की हिम्मत करती है और पूरे देश को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है”!
गौरतलब है कि डी गुकेश सबसे कम उम्र महज 18 साल की उम्र में शतरंज की खिताब अपने नाम करने वाले दुनिया में पहले सबसे युवा खिलाड़ी तो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।