FIDE Candidates 2024: 17 साल की छोटी उम्र में डी गुकेश ने कैंडिडेट शतरंज टूर्नामेंट को जीतकर इतिहास रच दिया है और वह ऐसे में विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने वाले सबसे युवा चैलेंजर बन गए हैं। सोमवार को टोरंटो में डी गुकेश 40 साल के रिकॉर्ड को तोड़ चुके हैं। जी हां, इस जीत के बाद उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण गेम था और दिमाग में वैसे तो इतिहास रचने की बात चल रही थी। आइए देखते हैं आखिर जीत के बाद क्या बोल रहे मुकेश और इस उपलब्धि के बारे में क्या है उनका कहना।
इतिहास रचने पर डी गुकेश ने किया रिएक्ट
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की तरफ से इस वीडियो को शेयर किया गया जिसमें डी गुकेश कहते हैं कि “यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण गेम था और मैं आधे अंको से आगे चल रहा था। इसमें मुख्य योजना ज्यादा जोर लगाने और चीजों को नियंत्रण में रखने की नहीं थी।” जब उनसे यह पूछा गया कि क्या इतिहास रचने का ख्याल आपके मन में आ रहा था। ऐसे में उन्होंने कहा कि “जानबूझकर नहीं लेकिन आपके दिमाग में हमेशा यह विचार चलता रहता है कि इतना महत्वपूर्ण खेल और लक्ष्य लेकिन मैंने इसके बारे में नहीं सोचा और खेल पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की।”
भारत के लिए कैंडीडेट्स एक बड़ी उपलब्धि
इसके साथ ही डी गुकेश ने कहा कि भारत में शतरंज फल फूल रहा है और हम सभी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और जीत रहे हैं। कैंडीडेट्स एक बड़ी उपलब्धि है। अगर मैं टूर्नामेंट के दौरान प्राग भारत के शतरंज ग्रैंडमास्टर से मिलता तो दोस्ती के लिए कोई जगह नहीं होती और टूर्नामेंट में हर कोई प्रतिस्पर्धा ही होता है। इसके साथ ही डी गुकेश ने अपने पिता और कोच को धन्यवाद दिया और अपनी खुशी जाहिर की है।
इस रिकॉर्ड को डी गुकेश ने किया अपने नाम
बता दें की 17 साल की उम्र में डी गुकेश कैंडिडेट शतरंज टूर्नामेंट को जीतने के बाद सबसे कम उम्र में इस टूर्नामेंट को जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। वहीं उन्होंने 40 साल का पुराना 1984 में 22 साल की उम्र में गैरी कोस्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा है। डी गुकेश ने टूर्नामेंट में 14 में से 9 अंक बाटोरे हैं। वहीं अब 2024 के अंत में चीन के डिंग लिरिन के साथ मुकेश की भिड़ंत होने वाली है।
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