Tulsidas Balaram: भारत के महान खिलाड़ी और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता फुटबॉलर और ओलंपियन तुलसीदास बालाराम (Tulsidas Balaram) का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को कोलकाता के एक अस्पताल में निधन (Tulsidas Balaram Death) हो गया। उनके परिवार के करीबी लोगों सूत्रों को यह जानकारी दी है। बालाराम 87 वर्ष के थे और वह उत्तरपारा में हुगली नदी के किनारे एक फ्लैट में रहते थे। 1962 के एशियाड चैंपियन को पिछले साल 26 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनका इलाज पेशाब में संक्रमण और पेट में सूजन के लिए किया जा रहा था।
दोपहर में हुई मौत
तुलसीदास बालाराम लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनकी मृत्यु गुरुवार को दोपहर करीब 2 बजे हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और आज दोपहर करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। तुलसीदास बालाराम ने अंतिम सांस लेने से पहले कहा था कि, ‘हम राज्य सरकार और खेल मंत्री अरूप बिस्वास के आभारी हैं कि उन्होंने अंतिम दिनों में उनकी अच्छी देखभाल की है।’
तुलसीदास बालाराम का करियर
तुलसीदास बालाराम, 1956 और 1960 में दो ओलंपिक में खेले और एशियाई फुटबॉल के शिखर पर पहुंचे, जब महान कोच सैयद अब्दुल रहीम के मार्गदर्शन में भारत ने 1962 में दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर जकार्ता में एशियाई खेलों का स्वर्ण जीता था तब तुलसीदास बालाराम उस टीम में शामिल थे। रोम ओलंपिक में, व्यापक रूप से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में अपने सर्वश्रेष्ठ पल के रूप में डेब्यू किया, उन्होंने हंगरी और पेरू के खिलाफ दो बार स्कोर किया। 1955 और 1963 के बीच आठ साल तक उनका करियर काफी शानदार रहा था।
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