Virender Sehwag: क्रिकेट इतिहास के सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में से एक माने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने अपनी दबंग बल्लेबाजी शैली और शानदार बाउंड्री मारने की कला से प्रशंसकों का दिल जीत लिया। 50 ओवर के विश्व कप विजेता, सहवाग ने अपने शानदार करियर के दौरान कई रिकॉर्ड हासिल किए। इनमें टेस्ट क्रिकेट में एक भारतीय द्वारा बनाया गया उच्चतम स्कोर भी शामिल है। उन्होंने चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 रनों की पारी खेली थी। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज तिहरा शतक भी था। सहवाग 278 गेंदों पर 300 रन तक पहुंचे थे। सहवाग ने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ मुंबई में केवल 207 गेंदों में सबसे तेज 250 रन भी बनाए।
इस वजह से टीम इंडिया के कोच नहीं बने सहवाग
वीरेंद्र सहवाग ने बताया कि अनिल कुंबले के बाद वह टीम इंडिया के मुख्य कोच क्यों नहीं बने। बहुत से प्रशंसक नहीं जानते कि टीम इंडिया के लिए मुख्य कोच की भूमिका निभाने के लिए सहवाग से भी संपर्क किया गया था। पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले के कार्यकाल के अंत में सहवाग से संपर्क किया गया था। हाल ही में, पूर्व क्रिकेटर ने भारतीय टीम का कोच नहीं बनने के पीछे का कारण बताया।
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इंटरव्यू में सहवाग ने की बातचीत
इंटरव्यू में बातचीत के दौरान सहवाग से पूछा गया कि क्या उन्हें भारत की कप्तानी नहीं करने का कोई पछतावा है। उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल नहीं, मैंने जो हासिल किया उससे मैं खुश हूं। नजफगढ़ के किसानों के एक छोटे से परिवार से मैं आता हूं। मुझे भारत के लिए खेलने का मौका मिला, प्रशंसकों से इतना प्यार और सराहना मिली और अगर मैं टीम इंडिया की कप्तानी करता तो भी मुझे उतना ही सम्मान मिलता।’
उन्होंने मुख्य कोच की भूमिका के लिए बीसीसीआई के साथ अपनी बैठक के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ‘अगर विराट कोहली और तत्कालीन बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने मुझसे संपर्क नहीं किया होता तो मैं इंडिया नेशनल क्रिकेट टीम के कोचिंग पोस्ट के लिए आवेदन ही नहीं करता। उन्होंने मुझसे कहा कि कुंबले का अनुबंध 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद समाप्त हो जाएगा और फिर आप टीम इंडिया के नए कोच बन सकते है।’