Friday, November 22, 2024
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Nikhat Zareen ने रचा इतिहास, महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में जीता दूसरा गोल्ड

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बॉक्सिंग रिंग में अपनी जीत का परचम लहराने वाली गोल्डन गर्ल निकहत जरीन महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी ने अपनी नई एसयूवी महिंद्रा थार तोहफे में दी है। निकहत मर्सिडीज बेंज खरीदने का मन बना रही थीं लेकिन महिंद्रा थार तोहफे में मिलने के बाद उन्होंने अपना प्लान बदल दिया है।

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निकहत जरीन एक से अधिक बार वुमेन वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने वाली दूसरी इंडियन बोक्सर बन गई है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए निखत को मैरी कॉम जैसी दिग्गज मुक्केबाज़ को भी चुनौती देनी पड़ी है।

Nikhat Zareen: निखत ज़रीन ने 26 मार्च को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीतकर एक और उपलब्धि अपने नाम में जोड़ ली है। 26 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज ने 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में वियतनाम की थि थम गुयेन को हराया। इस जीत ने न केवल पिछले संस्करण से उनके खिताब का बचाव किया बल्कि उन्हें मैरी कॉम के बाद विश्व चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज भी बना दिया।

इस ऐतिहासिक क्षण तक निखत की यात्रा उल्लेखनीय से कम नहीं रही है। उन्होंने (Nikhat Zareen) 2022 में इस्तांबुल में अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीता और उसके बाद उसी वर्ष प्रतिष्ठित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया। पिछले साल, उन्होंने बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

मैरी कॉम जैसी दिग्गज की सूची में नाम हुआ दर्ज (Nikhat Zareen)

अपनी नवीनतम जीत के साथ, निखत विश्व चैंपियनशिप में एक से ज़्यादा गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय महिला मुक्केबाजों के एलीट क्लब में मैरी कॉम के साथ शामिल हो गई हैं। भारतीय मुक्केबाज़ी की दिग्गज मैरी कॉम ने इस प्रतियोगिता में कुल छह स्वर्ण पदक जीते हैं। निखत की उपलब्धि उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है। यह 2023 महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत का तीसरा स्वर्ण पदक था। निखत के अलावा नीतू घनघस और स्वीटी बूरा ने भी अपने-अपने प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीते। विश्व मंच पर भारतीय मुक्केबाजों का दबदबा देखकर घरेलू प्रशंसक रोमांचित थे।

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उज्ज्वल दिख रहा है भारतीय मुक्केबाजी का भविष्य

निखत ज़रीन की जीत ने एक बार फिर भारतीय मुक्केबाज़ी और उसके उज्ज्वल भविष्य पर रोशनी डाल दी है। जैसे-जैसे वह बाधाओं को तोड़ती जा रही है और इतिहास रच रही है, निखत देश में युवा मुक्केबाजों की एक पूरी नई पीढ़ी को प्रेरित कर रही है। उनकी उपलब्धियाँ दृढ़ता, कड़ी मेहनत और समर्पण की शक्ति का ही नतीजा है।

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