WPL: स्मृति मंधाना की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर अपना WPL में लगातार अपना पांचवा मुकाबला हार गई। अब तक खेले गए पांच मैचों में RCB ने अपने कुल 16 खिलाड़ियों को प्लेइंग 11 में खेलने का मौका दिया है लेकिन इससे मुकाबले के नतीजे पर कोई भी असर नहीं पड़ा है। सोशल मीडिया पर टीम की जमकर आलोचना की जा रही है। प्लेइंग 11 में ज़्यादा बदलाव करना टीम के लिए नुकसानदायक सिद्ध हुआ है। टीम में आपस में तालमेल का अभाव देखने को मिला है।
नाम बड़े और दर्शन छोटे कहावत को सिद्ध करते RCB के खिलाड़ी
WPL के पहले सीज़न में नीलामी के बाद ऐसा लग रहा था कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम का मुकाबला शायद ही कोई और टीम कर पाए। लेकिन टूर्नामेंट के शुरू होने के बाद इसका बिल्कुल उल्टा ही देखने को मिला। ऐसी कोई टीम नहीं बची जिससे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने मात नहीं खाया हो। दिल्ली की टीम ने तो लगातार उनको दो बार हरा दिया। रेणुका सिंह ठाकुर, एलिस पैरी, स्मृति मांधना, ऋचा घोष, सोफी डिवाइन जैसे बड़े नाम टीम में शामिल हैं फिर भी इससे टीम के प्रदर्शन में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
स्मृति पर दिख रहा कप्तानी का दबाव
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तान स्मृति मांधना के लिए टूर्नामेंट में कुछ भी अच्छा नहीं घट रहा है। स्मृति की काबिलियत को सभी क्रिकेट प्रशंसक जानते हैं। लेकिन इस टूर्नामेंट में वे लगातार फ्लॉप रही है। पांचवे मैच में भी वे बल्ले से कमाल नहीं दिखा सकी और केवल आठ रनों के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गई। अब ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या कप्तानी का असर स्मृति की बल्लेबाज़ी पर भी पड़ रहा है?
अब भी कर सकते हैं क्वालीफाई
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम अभी भी अपने सभी मैच जीत जाती है तो दूसरे टीमों के परिणाम के भरोसे प्लेऑफ में जा सकती है। हालांकि इसकी संभावना काफी ज़्यादा कम है। दूसरी सभी टीमें RCB से काफी ज़्यादा आगे है।