Premanand Maharaj: आधुनिकता के इस दौर में प्रेम को लेकर बहुत भ्रम है। सच्चे प्रेम की परिभाषा अपने-अपने सुविधानुसार गढ़ ली जाती है। युवा पीढ़ी इस सवाल को लेकर उलझन में भी नजर आती है। कई ऐसे युवा हैं जो सच्चे प्यार की पहचान करने के तरीकों को लेकर उलझन में रहते हैं।
Premanand Maharaj: नए साल की शुरुआत से पहले इसको लेकर उत्साह बढ़ता नजर आ रहा है। पुरुष से लेकर महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चें, आगामी वर्ष में नई शुरुआत करने को आतुर हैं। उनके मन में तमाम तरह के सवाल भी हैं। ऐसा ही एक युवा है जिसकी उम्र 18 वर्ष है और वो ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहता है।
Premanand Maharaj: आधुनिकता के इस दौर में युवाओं के समक्ष कई तरह की परेशानिया हैं। सुख-सुविधा का भोग कर रहे युवा भी डिप्रेशन और गंदी क्रिया का शिकार बन सकते हैं।
Premanand Maharaj: राधा केली कुंज आश्रम में सवालों की बौछार होती रहती है। प्रेमानंद महाराज के आश्रम में पहुंचने वाले अनुयायी अपने हिस्से की कई सवाल उनके समक्ष रखते हैं। कोई निजी जीवन में आ रही परेशानियों का जिक्र करता है तो कोई आर्थिक व अन्य कई तरह की दिक्कतों की बात करता है।
Premanand Maharaj: आधुनिकता और धन कमाने की लालसा के बीच प्रेमानंद महाराज का एक खास उपदेश सुर्खियों में है। दरअसल, वर्तमान में लोग अधिक से अधिक धन कमाने की लालसा रखते हैं। कई ऐसे भी लोग होते हैं जो धन कमाने के लिए अधर्माचरण के मार्ग पर चलने से भी नहीं संकोच करते।
Premanand Maharaj: युवाओं का रोना, परेशान रहना, दूसरों पर झल्लाना, ये सब कुछ एक विशेष परिस्थिति में होता है। जैसे कि युवा के किसी पारिवारिक समस्या, आर्थिक समस्या या निजी (ब्रेकअप) समस्या से जूझने की परिस्थिति।
Premanand Maharaj: गृहस्थ जीवन और भक्ति भाव को साथ लेकर चलना कितना कठिन है? गृहस्थ और भक्ति भाव में कैसे सामंजस्य स्थापित करें? यदि पति के भक्ति भाव से परेशान होकर पत्नी 'शादी' जैसे पवित्र बंधन पर सवाल खड़ा करती है तो क्या करें?