शहीद सीआरपीएफ की वीरांगनाओं के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार और उनकी मागों को लेकर धरने पर बैठे सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कल रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की तरफ से 4 साल बीत जाने के बाद भी अपने वादे को पूरा नहीं करने के कारण इच्छा मृत्यु की मांग कर रही हैं। गहलोत सरकार ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमने वीरांगनाओं, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए सरकार नियामानुसार सहायता कर चुकी है।
वसुंधरा करीब 1 लाख समर्थकों की भीड़ को जुटाकर एक जनसभा को संबोधित करेंगी और दिल्ली को सीधे अपनी ताकत का अहसास कराएंगी। सालासर धाम को चुनने के पीछे वसुंधरा राजे की रणनीतिक वजह है। वास्तव में यह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया तथा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का गढ़ माना जाता है। राजस्थान में उनकी राजनीति को विराम देने की अटकलों पर चल रही कोशिशों के लिए इतनी विशाल जनसभा के सहारे दिल्ली को सीधा इशारा देना चाहती हैं।
छाया रानी द्वारा दायर इस याचिका पर तत्काल सुनवाई पर साफ मना करते हुए जस्टिस चंद्रचूंड़ और नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि नहीं, हम शुक्रवार 3 मार्च 2023 को सुनवाई नहीं करेंगे । अब हम होली के बाद ही इसकी सुनवाई को रखेंगे।