समलैंगिक विवाह केस को कानूनी मान्यता के लिए हो रही सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में आज 6 वाँ दिन है। आज की बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट को मानना पड़ा कि यह एक ऐसा गंभीर और संवेदनशील विषय है। जो पूरे समाज पर असर डालने वाला है। यह विषय संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है
सुप्रीम कोर्ट में आज भी समलैंगिक संबंधों पर सुनवाई का सिलसिला जारी रहा। सुनवाई के आज चौथे दिन याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील लूथरा गुप्ता ने सुनवाई में भाग लिया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने आज इस बेहद संवेदनशील मामले में कई टिप्पणियां की
समलैंगिक विवाह मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का तीसरा दिन है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि देश के नागरिक होने के नाते उन्हें सम्मान तथा समानता से रहने का अधिकार मिलना चाहिए। हमने एसएमए को चुनौती दी है क्योंकि यह विषमलैंगिक के अलावा अन्य विवाहों को मान्यता नहीं देता। सरकार को स्पेशल मेरिज एक्ट में पति,पत्नी अथवा “जीवनसाथी” जोड़ने की आवश्यकता है।
समलैंगिक विवाह मामले में आज भी सुनवाई जारी रही। जहां केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ से आग्रह किया है कि इस मामले में सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को इस मामले की सुनवाई में एक पक्ष बनाया जाए।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के मामले पर सोमवार 13 मार्च को सुनवाई हुई। जहां इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी जहां इस मामले की लाइव स्ट्रीमिंग कराई जाएगी।