समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते सेट करने शुरू कर दिए हैं। इस दौरान अखिलेश यादव जहां अभी भी पार्टी की रणनीति बनाने में उलझे हुए हैं तो उनके चाचा वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने अपने चुनाव प्रचार के शेड्यूल तय कर दिए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस समय अपने कोर वोटर्स के अलावा अनुसूचित जाति के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने में जुट गए हैं। निकाय के चुनाव में भी केवल उन्होंने 1 यादव को टिकट दिया है।
समाजवादी पार्टी की मेरठ नगर निगम का प्रत्याशी तय करने में पसीने छूट गए हैं। वजह है दो दो मजबूत दावेदार अपनी अपनी पत्नी के लिए टिकट को लेकर पार्टी में आमने सामने आ गए हैं। तो दूसरी ओर मायावती ने अखिलेश की बैलट पेपर से वोटिंग कराने की मांग का समर्थन कर राजनीतिक हलचल मचा दी है
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी निकाय चुनाव 2023 में ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाकर चुनाव में उतरने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनावों में सपा अपने सहयोगियों के साथ बात कर चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार करेगी।
कल की बैठक के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2024 चुनावों को लेकर भाजपा के खिलाफ एक नया गठबंधन बनाने के संकेत दे दिए। राजद,जदयू तथा डीएमके जैसे दल कांग्रेस को 2024 के किसी भी चुनावी रणनीति में शामिल करना चाहते हैं। यह सबसे पुरानी पार्टी को तय करना है। “यह बड़ी लड़ाई का सवाल है और कांग्रेस खुद इस लड़ाई में अपनी भूमिका तय करेगी।”
यह सबसे पुरानी पार्टी को तय करना है। “यह बड़ी लड़ाई का सवाल है और कांग्रेस खुद इस लड़ाई में अपनी भूमिका तय करेगी।”