Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर लंबे इंतजार के बाद SC ने अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले से शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है।
समलैंगिक विवाह मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का तीसरा दिन है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि देश के नागरिक होने के नाते उन्हें सम्मान तथा समानता से रहने का अधिकार मिलना चाहिए। हमने एसएमए को चुनौती दी है क्योंकि यह विषमलैंगिक के अलावा अन्य विवाहों को मान्यता नहीं देता। सरकार को स्पेशल मेरिज एक्ट में पति,पत्नी अथवा “जीवनसाथी” जोड़ने की आवश्यकता है।
समलैंगिक विवाह मामले में आज भी सुनवाई जारी रही। जहां केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ से आग्रह किया है कि इस मामले में सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को इस मामले की सुनवाई में एक पक्ष बनाया जाए।