Aditya L1: भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1) तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, अभी भी इसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में करीब 4 महीने का समय लग जाएगा। ISRO (Indian Space Research Organisation) लगातार इस पर नजर बनाए हुआ है। इसी बीच आदित्य एल1 ने सूर्य की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है।
आदित्य एल1 ने अपना दूसरा ऑर्बिट एडजस्टमेंट पूरा कर लिया है। यानी मिशन पृथ्वी की पहली ऑर्बिट छोड़ अब दूसरी ऑर्बिट में प्रवेश कर गया है। जिससे अब यह धरती से करीब 40 हजार किलोमीटर दूर पहुंचा चुका है। इससे पहले 3 सितंबर (रविवार) को आदित्य L1 ने पृथ्वी की पहली ऑर्बिट को पूरा किया था। तब मिशन ने 22,459 किलोमीटर की दूरी पूरी की थी।
40 हजार KM दूर पहुंचा आदित्य-एल1
ISRO ने मिशन को लेकर ये नई जानकारी दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर ऑर्बिट बदलने की जानकारी देते हुए ISRO ने बताया कि आदित्य-एल1 मिशन ने पृथ्वी की पहली ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब यह दूसरी ऑर्बिट में प्रवेश कर चुका है। ISRO ने बताया कि 5 सितंबर (मंगलवार) सुबह 2:45 बजे, आदित्य-एल1 पृथ्वी की दूसरी ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया।
नई कक्षा की माप 282 गुणा 40,225 किलोमीटर है। यानी मिशन ने 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर ली है। 10 सितंबर, 2023 को भारतीय समयानुसार सुबह 2:30 बजे, आदित्य-एल1 को पृथ्वी की आगामी कक्षा में लॉन्च करने का कार्यक्रम है।
2 सितंबर को लॉन्च हुआ था मिशन
बता दें कि आदित्य-एल 1 (Aditya L1 Mission) भारत का पहला सोलर मिशन है, जो सूर्य का अध्ययन करेगा। 2 सितंबर को 11 बजकर 50 मिनट पर इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। आदित्य-एल1 मिशन को सूर्य के पांच लैग्रेंज बिंदुओं में से L1 पर स्थापित किया जाएगा। जहां से यह सूर्य के निर्बाध दृश्य को देख पाएगा। पृथ्वी से L1 की दूरी लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की है।
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