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Aditya-L1: सोलर मिशन आदित्य-एल1 को लेकर ये है ISRO का प्लान, जानें पूरी डिटेल

Aditya-L1: सोलर मिशन आदित्य एल1 को लेकर ISRO ने बड़ा अपडेट सामने लाया है। इसके तहत पीएसएलवी एक्सएल (PSLV-XL) रॉकेट को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर तक पहुंचा दिया गया है।

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Aditya-L1: बीते दिनों की बात है जब भारत ने चन्द्रमा के सतह पर अपने अंतरिक्ष यान की लैंडिंग सफलता पूर्वक कराई थी। 23 अगस्त का वो ऐतिहासिक क्षण सभी भारतवासियों के लिए गर्व का पल था और इसको लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और मिशन चंद्रयान-3 में शामिल सभी वैज्ञानिकों की जमकर सराहना हुई थी। अब इसी कड़ी में खबर है कि भारत के वैज्ञानिकों ने सोलर मिशन Aditya-L1 के लिए पीएसएलवी एक्सएल (PSLV-XL) रॉकेट के लॉन्चिंग की तैयारी कर ली है। इसके लिए इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसएचएआर) तक पहुंचा दिया गया है। ISRO इस मिशन Aditya-L1 को 2 सितंबर को लॉन्च कर सकता है।

सोलर मिशन Aditya-L1 से जुड़ी ये जानकारी सामने आई

बता दें कि भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (IIA) ने अपने हैंडल से इस संदर्भ में जानकारी दी है कि ISRO ने पीएसएलवी एक्सएल (PSLV-XL) रॉकेट को मिशन Aditya-L1 के लिए श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर तक पहुंचा दिया है। दी गई जानकारी के मुताबिक इसरो इसे 2 सितंबर को लॉन्च कर सकता है। भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (IIA) ने कहा है कि इसे लॉन्च पैड तक पहुंचा दिया गया है और आगामी 2 सितंबर को 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च करने की तैयारी जारी है।

क्या है सोलर मिशन Aditya-L1

बता दें कि मिशन Aditya-L1 का आशय चन्द्रमा के बाद अब सूर्य के बारे में जानकारी हासिल करना है। ISRO चन्द्रयान-3 की सफलता के बाद अब सूर्य के बारे में भी अध्यनन करने को प्रयासरत है और कोशिश में है कि इस विषय में जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाए। इस मिशन के तहत सूर्य के बाहरी सतह का ऑब्जर्वेशन करने का प्लान है।

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद बुलंद हैं हौसले

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नेतृत्व में हुए चन्द्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद वैज्ञानिकों के हौसले बुलंद हैं। ISRO ने चन्द्रयान-3 की अपार सफलता पर देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों का दिल जीता और उनकी ओर से खूब शुभकामनाएं पाई थी। 23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चन्द्रमा के सतह पर चन्द्रयान-3 के लैंडिंग के बाद पूरे भारतीयों ने ISRO को सराहा था। अब इसी कड़ी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश है कि सूर्य के बारे में अध्यनन कर चीजों को समझा जाए और उचित संभावनाओं की तलाश की जाए।

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