AI: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई (AI) का बढ़ता उपयोग जहां लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। वहीं, एआई का काफी इस्तेमाल भी किया जा रहा है। जी हां, अगर आप एआई का उपयोग करते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। दरअसल एआई इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
AI के उपयोग पर शोधकर्ताओं ने किया सतर्क
हाल ही में शोधकर्ताओं ने Morris II नाम का एक एआई वर्म प्रोटोटाइप बनाया है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ये एआई ईमेल असिस्टेंट के जरिए लोगों का डेटा चोरी कर सकता है। साथ ही उनके डिवाइस में वायरस और मैलवेयर फैला सकता है।शोधकर्ताओं ने पहली जेनरेशन एआई वर्म को यूजर्स की सुरक्षा के लिए उतारा है। इसे खासकर ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी टूल का उपयोग करने वाले उम्मीदवारों के पेश किया गया है।
एआई वर्म से हो सकती है लोगों के डेटा की चोरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉर्नेल टेक के बेन नैसी, इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्टाव कोहेन और इंटुइट के रॉन बिट्टन ने आकलन करने के लिए वर्म बनाया कि क्या हमलावर साइबर हमले शुरू करने के लिए किसी एजेंट के GenAI डिवाइस का फायदा उठाने के लिए मैलवेयर तैयार कर सकते हैं। एआई वर्म एलएलएम यानी लार्ज लैंग्वैज मॉडल जैसे जेमिनी प्रो और चैटजीपीटी-4 को इस्तेमाल करने वाले ऐप्स पर अपनी नजर रखेगा।
जेमिनी और चैटजीपीटी भी इसके आगे बेकार
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि साइबर हमले के लिए हैकर्स के पास एक नया हथियार आ गया है। एआई वर्म बेहद ही आसानी से जेनरेटिव एआई ईमेल असिस्टेंट पर अटैक करके जेमिनी और चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट की सुरक्षा तोड़ सकता है। साथ ही डेटा चोरी कर सकता है और स्पैम भी भेज सकता है।
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