Tuesday, November 19, 2024
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मेडिकल की दुनिया को हिला देगी Apple की ये Smart Watch, बिना खून निकाले बताएगी बॉडी का ग्लूकोस लेवल!

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Apple Watch: रंगहीन गैस कार्बन मोनोआक्साइड (CO) उन रसायनिक पदार्थों में से एक है जो कि जीव-जंतुओं के लिए विषाक्त साबित हो सकती है। इस गैस के अत्याधिक रिसाव से मनुष्यों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और कई मामलों में इसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे जान जाने की संभावना भी रहती है।

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ब्लड शुगर के मरीजों के लिए गन्ने का रस नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल काफी हद तक बढ़ सकता है।

Apple Watch: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Apple पिछले 12 सालों से अपने एक मूनशॉट-स्टाइल प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसमें कंपनी अपनी आने वाली अपकमिंग स्मार्टवॉच में नॉन इनवेसिव और कंन्टिन्यू ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम को जोड़ेगी है। जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति का ब्लड मे शुगर लेवल को यानी उसकी बॉडी में कितना ग्लूकोज है इसे बॉडी से बिना खून निकाले और बिना किसी चुभन के पता लगाया जा सकेगा। तो आइए जानते हैं इस बार में?

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इतने रोगियों को होगा फायदा

इस फीचर को ऐपल वॉच में जोड़ने से दुनिया भर के लाखों डायबिटीज रोगियों फायदा होगा। क्योंकि ब्लड शुगर लेवल की जांच करने के लिए खून को बॉडी से बाहर निलना पड़ता है। ऐपल वॉच में ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग वाले फीचर को लेकर खबरें पीछले काफी समय से चल रही हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एपल “जितना सोच सकते हैं, उससे भी ज्यादा तेजी से प्रोग्रेस कर रहा है।” फिलहाल मौजूद ऐपल की स्मार्टवॉच से हार्ट रेट की मॉनिटरिंग, ब्लड में मौजूद ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग और स्ट्रेस मॉनिटरिंग सहित कई सारे फीचर्स दिए गए हैं।

साल 2010 से किया जा रहा है इस टेकनोलॉजी पर काम

आपको बता दें कि मीडिया में जारी रिपोर्ट्स में कहा गया है कि साल 2010 से ऐपल ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग स्टार्टअप कंपनी रेयरलाइट को अपने अधीन में लेने के बाद से ऐपल इस सीक्रेट प्रोजेकट पर काम कर रही है। इतने समय से कंपनी ने कई हजार लोगों पर ग्लूकोज की टेस्टिंग की है। लेकिन इस को लेकर अभी तक ऐपल ने कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया है। इस नई टेक्नोलॉजी के जरिए प्री-डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को बचाया जा सकेगा और इस बीमारी के फैलाव से इसे बचाया जा सकेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हर 10 अमेरिकी लोगों में से 1 व्यक्ति मधुमेह रोग से पीड़ित है।  

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Shoyeb Ahmed
Shoyeb Ahmedhttp://www.dnpindiahindi.in
शोएब अहमद एक अच्छे पत्रकार हैं और इन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन तक पढ़ाई पूरी की है। शोएब को मीडिया इंडस्ट्री में 1 साल से ज्यादा का अनुभव है। फिलहाल शोएब डीएनपी मीडिया नेटवर्क में बतौर हिन्दी कॉन्टेंट राईटर कार्यरत हैं। इनकी रूची एक्सप्लोर करना, तकनीकी ज्ञान और सामान्य ज्ञान के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के साथ ही विश्लेषण और मूल्यांकन करना भी है।

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