Broadband Connection: सरकार ने ब्रॉडबैंड की रफ्तार को बढ़ाने को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसको लेकर कहा जा रहा कि अब इंटरनेट की स्पीड बढ़ने वाली है। बता दें कि अब तक सिर्फ इंटरनेट की स्पीड अगर 512 किलो बाइट प्रति सेकेंड होती तो थी उसे ब्रॉडबैंड की श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन अब से 2 मेगा बाइट प्रति सेकेंड (MBPS) की स्पीड वाले इटरनेट प्लान को ब्रॉडबैंड नहीं माना जाएगा। यानी की अब टेलीकॉम कंपनियों को अपने इंटरनेट को ब्रॉडबैंड की श्रेणी में आने के लिए कम से कम 2 MBPS की स्पीड देनी होगी।
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100 लैब बनेंगे 5G ऐप सर्विसेज के लिए
बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5G ऐप और सेवाओं को विकसित करने के लिए 100 नई लैब बनाने की घोषणा की है जिसमें 5जी सेवाओं के ऐप को बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने 18 जुलाई, 2013 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमें ब्रॉडबैंड की परिभाषा में बदलाव करने के लिए टेलीकॉम रेगुलेट्री अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की सिफारिश पर इंटरनेट की स्पीड को बढ़ाने को लेकर विचार करने को कहा था। इसके साथ ही टेलीकॉम सर्विस को कॉल और वॉइस क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए मोबाइल ग्राहकों की कॉल ड्रॉप और खराब नेटवर्क की समस्याओं को भी हल करने को कहा था।
क्या होता है ब्रॉडबैंड
ब्रॉडबैंक एक इंटरनेट डेटा कनेक्शन है जो लोगों को इंटरनेट सर्विस प्रदान करता है। ब्रॉडबैंड सेवाओं को लेकर सरकार ने सर्विस प्रोवाइडर के प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) से इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए किसी इंडिविजुअल सब्सक्राइबर को अब 2MBPS की न्यूनतम डाउनलोड स्पीड देनी होगी। इसे सरकार ने तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है। मीडिया में जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में मौजूदा समय में 82.5 करोड़ ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं, इनमें 79.3 करोड़ यूजर्स वायरलेस ब्रॉडबैंड कनेक्शन का इस्तेमात करते हैं। भारत में अब तक करीब 200 से ज्यादा शहरों में 5G सेवाएं शुरु हो चुकी हैं।
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