Chandrayaan 3: भारत के मिशन चंद्रयान-3 को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। इसके तहत पड़ोसी देश चीन को भारत की सफलता रास नहीं आ रही है और इस क्रम में उसके वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रयान-3 के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में लैंडिंग को लेकर प्रश्न खड़ा कर दिया गया है। चीन के पहले मून मिशन के वैज्ञानिक ओयांग जियुआन ने इस संबंध में बड़ा दावा करते हुए कहा है कि चंद्रयान-3 का चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का दावा गलत है।
इस क्रम में कहा जा रहा है कि ये चीन की ओर से सोची-समझी चाल भी हो सकती है क्योंकि चीन का बयान ऐसे समय पर आया है कि जब भारतीय वैज्ञानिक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को फिर से सक्रिय करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
चंद्रयान-3 को लेकर चीनी वैज्ञानिक का दावा
भारत ने पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में चांद के सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराई थी। इसको लेकर देश-विदेश के अनेक हिस्सों से भारत व भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना की गई थी। अब इस संबंध में चीन की ओर से वैज्ञानिक ओयांग जियुआन ने बड़ा दावा करते हुए चंद्रयान-3 की दक्षिणी ध्रुव पर किए गए लैंडिंग को गलत बता दिया है। कहा जा रहा है कि चीन भारत की सफलता को पचा नहीं पा रहा है।
नासा और यूरोपिय स्पेस एजेंसी भी कर चुके हैं तारीफ
भारत ने जब चांद के सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराई थी तो इस कदम की सराहना देश-विदेश के अनेक हिस्सों से मिली थी। इसको लेकर कहा गया था कि ये भारतीय स्पेस एजेंसी की बड़ी उपलब्धि है। इस क्रम में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और यूरोपिय स्पेस एजेंसीयों ने भी भारत के इस मिशन की तारीफ की थी। ऐसे में चीन द्वारा चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को गलत करार देना उसकी नियतों पर प्रश्न खड़े करता है।
चीन को टक्कर दे रहा भारत
बता दें कि भारतीय स्पेस एजेंसी चीन के लिए चुनौती बनकर खड़ी है। चीन की कोशिश है कि वह चांद पर जल्दी से पहुंचकर अपना कब्जा जमा ले। इस क्रम में चीन चांद की सतह पर मिलने वाले बर्फ और हीलियम के खजाने को भी लूट लेगा और आने वाले समय में उससे भारी लाभ कमा सकेगा। ऐसे में अब उसे अमेरिका के बाद भारत से भी कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है जिसे वो पचा पाने में अससमर्थ है।
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