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क्या है बॉलीवुड को हिलाने वाली Deepfake AI Technology, शिकार होने से ऐसे बचें

Deepfake AI Technology: हाल ही में एक टर्म खूब चर्चा में है। जिसके बारे में अभी तक आपने सुन या पढ़ लिया होगा। हम Deepfake AI तकनीक के बारे में बात कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि ये तकनीक है क्या और कैसे काम करती है। सारे सवालों के यहां जवाब मिलने वाले हैं।

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Deepfake AI Technology
Deepfake AI Technology

Deepfake AI Technology: टेक्नोलॉजी ने हमारी जिदंगी की तमाम राहें आसान कर दी हैं लेकिन इसके इतर भी एक दुनिया है। जो शायद हम देख नहीं पा रहे हैं। जी हां, टेक्नोलॉजी से होने वाले नुकसान और फ्रॉड, अब हाल ही में एक टर्म खूब चर्चा में है। जिसके बारे में अभी तक आपने सुन या पढ़ लिया होगा। हम Deepfake AI तकनीक के बारे में बात कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि ये तकनीक है क्या और कैसे काम करती है। सबसे जरूरी चीज इससे बचाव कैसे किया जा सकता है। सारे सवालों के जवाब यहां मिलने वाले हैं।

क्या है Deepfake AI Technology?

यूं तो डीपफेक शब्द सालों पहले आया था लेकिन जब से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) का दायरा बढ़ा है, तब से इसने बड़े स्तर पर पैर पसारना शुरू किया है। डीप फेक ह्यूमन इमेज सिंथेसिस (Human Image Synthesis) नाम की तकनीक पर काम करती है। इसका मतलब है कि चेहरे और आवाज के साथ कोई इसके जरिये फेक वीडियो बना सकता है। जिस तरह हम किसी भी चीज को हुबहु कॉपी कर सकते हैं, ठीक उसी तरह ये तकनीक भी काम कर सकती है। इस टेक्नोलॉजी में बेसिकली जो एल्गोरिद्म काम करता है वह किसी भी चीज को रियल बना सकता है।

खतरनाक है डीपफेक तकनीक

वर्तमान समय में गूगल प्ले स्टोर पर तमाम ऐसे ऐप्स मिल जाएंगे। जो चुटकियों में चेहरे को रिमूव कर सकते हैं या आवाज में फेरबदल कर सकते हैं। हालांकि, ये डीपफेक दावा नहीं करते हैं लेकिन इनसे चेहरे के हाव-भाव और इंप्रेशन बिल्कुल बदल जाते हैं। जो वीडियो इन दिनों रश्मिका मंदाना का सामने आया है। उसमें भी यही तरीका अपनाया गया है। जिसके कारण असली और नकली वीडियो में फर्क करना मुश्किल हो रहा है। इस फेक वीडियो ने हर तरफ हड़कंप मचा दिया है और इसे बैन करने की भी बातें चल रही हैं।

असली-नकली में फर्क करना मुश्किल

इन दिनों आप देख रहे होंगे तमाम ऐसी रील्स चल रही हैं। जिनमें किसी की आवाज को बदलकर दिखाया जा रहा है। ऐसे में साफतौर पर इसके नुकसान देखें जा सकते है। इस तकनीक के जरिये किसी भी फेमस पर्सनलिसटी का फेक वीडियो जनरेट करवाया जा सकता है। ऑडियो, वीडियो और फोटो को मैनिपुलेट करके लोगों को भ्रम डाला जा सकता है। इसमें फर्क करना मुश्किल हो जाता है।

ऐसे करना है बचाव

डीपफेक से बचने के लिए आपको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर थोड़ा सतर्क हो जाने की जरूरत है। अगर आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो बिना समय खर्च किए इसकी शिकायत साइबर थाने में करवानी चाहिए। डीपफेक की पहचान करने के लिए वीडियो में दिख रहे एक्सप्रेशन्स पर ध्यान दें, चेहरे और बालों पर ध्यान दें, बारीकी से देखने पर डीपफेक के बारे में पता लगाया जा सकता है।

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