European Union AI Act: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मतलब एआई का दायरा जैसे-जैसे बढ़ेगा, ये अपनी खूबियों में भी इजाफा करेगा। मगर नई तकनीक के विकसित होने के साथ ही कई तरह के खतरे भी सामने आते हैं। एआई से संभावित खतरे को देखते हुए यूरोपीय संसद ने एआई को लेकर नए नियम बनाए हैं। यूरोपीय संघ ने एआई को नियंत्रित करने वाले कानूनों को लागू करने वाली प्रमुख वैश्विक ताकत बनने की ओर एक अहम कदम है। इसमें बायोमेट्रिक निगरानी में एआई का उपयोग और चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स भी शामिल हैं।
यूरोपीय यूनियन एआई को लेकर नए नियम
यूरोपीय यूनियन के नए नियमों के मुताबिक, चैटजीपीटी और अन्य एआई सिस्टम को बाजार में आने से पहले पारदर्शिता नियमों का पालन करना होगा। साथ ही नीतिगत जोखिमों का आंकलन करना होगा। इसके अलावा इन पर प्रतिकूल परीक्षण करना होगा। अगर कोई गंभीर घटना होती है तो यूरोपीय यूनियन को उसकी रिपोर्ट करनी होगी। साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा कि इससे कोई परेशानी नहीं आए।
हाई रिस्क वाले एआई से रहेंगे सुरक्षित
यूरोपीय यूनियन ने अपने बयान में कहा कि ये ध्यान रखना जरूरी है कि इनोवेशन के साथ मौलिक अधिकार, लोकतंत्र, कानून का शासन और पर्यावरण स्थिति हाई रिस्क वाले एआई से सेफ रहे। वहीं, एआई के कुछ ऐप्लीकेशन द्वारा नागरिकों के अधिकारों और लोकतंत्र के शासन को देखते हुए राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक, भरोसा, यौन और नस्ल जैसे संवेदनशील मसलों पर उपयोग करने वाले बायोमेट्रिक कैटेगरी को प्रतिबंधित करने के सहमत हो गए हैं।
साथ ही नए नियमों के मुताबिक, फेस रेकाग्नेशन डेटाबेस, काम और शिक्षा के स्थानों पर इमोशन और सामाजिक व्यवहार के आधार पर सोशल स्कोरिंग बनाने और सीसीटीवी फुटेज से फेशियल रेकाग्नेशन स्क्रैपिंग करने पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, इसे कुछ खास परिस्थितियों में छूट मिलती रहेगी। इसमें आंतकवादी हमलों को रोकने और कुछ अपराधों के पीड़ितों का पता लगाना शामिल है। साथ ही गंभीर अपराधों में संदिग्धों का पता लगाने मे ये आरक्षित रहेगा।
उल्लंघन पर लगेगा भारी जुर्माना
नए कानून से ग्राहकों को एक रिपोर्ट करने और उसका जवाब देने का अधिकार देता है। किसी भी उल्लंघन पर 7.5 मिलियन यूरो कंपनी का 1.5 फीसदी से लेकर 35 मिलियन तक या ग्लोबल टर्नओवर का 7 फीसदी जुर्माना देना होगा।
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