Google: दुनिया की बड़ी टेक कंपनी गूगल अक्सर अपने फैसलों और नए अपडेट्स की वजह से चर्चा में बनी रहती है। ऐसे में अब गूगल की पेंरेंट कंपनी अल्फाबेट ने एक बड़ी घोषणा की है। अल्फाबेट ने कहा है कि आगामी अमेरिकी चुनाव 2024 में गूगल बार्ड और एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित खोज वाले सवालों को प्रतिबंधित करेगा।
2024 में होने हैं कई देशों में चुनाव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2024 में अमेरिका के अलावा भारत और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में चुनाव होने हैं। ऐसे में गूगल का सारा फोकस इस बात पर है कि एआई कैसे इन चुनावों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में राजनैतिक संदर्भ में ये एआई को और अधिक जिम्मेदारी के साथ बदलाव की ओर ढकेलता है।
फेसबुक भी ले चुका है ये एक्शन
बताते चले कि इससे पहले फेसबुक की पेंरेंट कंपनी मेटा भी इस रुख को अपना चुकी है। राजनीतिक अभियानों और विज्ञापन इंडस्ट्री को एआई जेनरेटिव विज्ञापनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। उस दौरान बताया गया था कि इस फैसले से डिजिटल विज्ञापन में अधिक पारदर्शिता आएगी। साथ ही इसके प्रति जवाबदेही निर्धारित करने में भी आसानी होगी।
विज्ञापन देने वाले एआई या अन्य डिजिटल तरीकों से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर राजनीतिक, सामाजिक या चुनाव-संबंधी विज्ञापन बना या बदल सकते हैं। हालाँकि, अब उन्हें इसका खुलासा करना जरूरी है।
एलन मस्क ने उठाया था ये कदम
वहीं, इस साल अगस्त में एक्स प्लेटफॉर्म पर एलन मस्क ने पॉलिसी में बदलाव किया था। अब यह अमेरिका में उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को राजनीतिक विज्ञापन की अनुमति देता है। एलन मस्क ने अमेरिकी आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए चुनावी टीम को अधिक मजबूत करने की दिशा में प्लानिंग की थी।
यूरोपीय यूनियन इस बात से चिंतित
उधर, एआई को रेग्युलेट करने के लिए यूरोपीय यूनियन (EU) भी काफी संघर्ष कर रहा है। ऐसे में ईयू ने कई नियमों को जारी किया है। इसके तहत बड़ी टेक कंपनियों को राजनीतिक विज्ञापन जारी करते हुए साफतौर एक लेबल लगाने की जरूरत है। इसमें फंडिंग सोर्स और टारगेट चुनावों की डिटेल साझा करना शामिल है।
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