IP Address: आपने कभी न कभी तो IP Address के बारे में सुना होगा लेकिन क्या कभी आपके जेहन में आया है कि आखिर ये काम कैसे करता है और इससे कैसे हमारी प्राइवेसी में खलल डल सकती है। हम यहां बताने वाले हैं, जिन ऐप्स पर आप घंटों का समय गुजार देते हैं, वह कैसे आपकी निजता के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं और आपकी प्राइवेसी को लीक कर सकते हैं। दरअसल, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और स्नैपचैट पर एक फीचर होता है। अगर आप इसे ऑन रखते हैं तो आपके साथ ऐसा हो सकता है।
क्या होता है IP Address?
आईपी एड्रेस लोकल इंटरनेट डिवाइस की पहचान करने के लिए खास तरह का यूनीक एड्रेस होता है। आईपी की फुल फॉर्म इंटरनेट प्रोटोकोल होती है। इसके मुख्य रूप से दो काम होते हैं, पहला तो ये किसी भी नेटवर्क की पहचान करता है और दूसरा इसके जरिये किसी की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
कैसे रिस्क में आ सकता है आईपी एड्रेस
जिस भी सोशल मीडिया ऐप्स का हम इस्तेमाल करते हैं, उसमें पीयर-टू-पीयर कनेक्शन का यूज किया जाता है। आसान भाषा में समझें तो दो लोगों के बीच हो रही बात-चीत दो लोगों तक ही सीमित रहती है लेकिन इसमें एक रिस्क होता है। इसमें सामने वाला आपके आईपी एड्रेस का पता लगा सकता है और इसी के जरिये लोकेशन भी पता की जा सकती है।
इन बातों का रखें खास ख्याल
इसने से बचने के लिए आपको थोड़ी सी सूझबूझ दिखानी होती है, जैसे कि किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल रिसीव नहीं करना। किसी भी वेबसाइट को अपनी लोकेशन का एक्सेस नहीं देना।
ऐसे कर सकते हैं बंद
पीयर-टू-पीयर कनेक्शन को बंद करने के लिए हमें कुछ सेटिंग फॉलो करनी होती है। फिलहाल ये फीचर व्हाट्सऐप और स्नैपचैट यूजर्स के लिए तो उपलब्ध नहीं है लेकिन टेलीग्राम यूजर्स इसे सेटिंग में जाकर डिसेबल कर सकते हैं। इसके लिए प्राइवेसी में P2P का ऑप्शन मिलता है।
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