IP Rating: तकनीकी क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है और ये दिन ब दिन तरक्की कर रही है। ऐसे में कुछ ऐसे टेक्निकल टर्म होते हैं जो हर किसी को तो समझ में भी नहीं आते हैं। ऐसी ही एक टर्म IP Rating भी है। जो स्मार्टफोन्स, ईयरबड्स या अन्य दूसरे गैजेट्स को प्रदान की जाती है लेकिन असल में ज्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। अगर थोड़ा बहुत पता भी होता है तो वह IP68 और IPX8 में फर्क नहीं कर पाते हैं। आज हम आपको आईपी रेटिंग से रिलेटेड सारे सवालों का जवाब देने वाले हैं। इस खबर को पढ़ने के बाद आपके सारे कन्फ्यूजन हमेशा के लिए दूर हो जाएंगे।
सबसे पहले जानें क्या होती है IP Rating?
आपने IP Rating के बारे में खूब सुना होगा और पूरी संभावना है आपके पास जो स्मार्टफोन या ईयरबड्स हैं उनको भी ये रेटिंग मिली हुई हो लेकिन इनका काम क्या है। ये शायद आप नहीं जानते होंगे। बता दें, इसका पूरा नाम International Protection Rating है। यह एक संस्था है जो कोड्स (IP68, IP67, IP52) के पैमाने पर तय करती है कि किस डिवाइस को कितनी रेटिंग दी जाएगी। जिस डिवाइस को जितनी अधिक रेटिंग मिली होती है वह धूल और पानी से सुरक्षित रहने में उतना ही सक्षम होता है।
रेटिंग में दिए गए नंबर्स का मतलब
कुछ लोगों को आईपी रेटिंग के बारे में तो पता होता है लेकिन वह IP68 और IPX8 में फर्क नहीं कर पाते हैं। दरअसल, रेटिंग का पहला जो नंबर होता है वह सॉलिड यानी डस्ट के मानक तय करता है और जो दूसरा नंबर होता है वह पानी के मानक तय करता है। आसान करके समझिये अगर किसी फोन को IP68 रेटिंग दी गई है तो इसका मतलब है वह पानी और धूल से बचने के लिए मानकों पर खरा उतरता है लेकिन किसी डिवाइस को IPX8 रेटिंग दी गई है तो इसका मतलब है उसे पानी के लिए तो रेटिंग दी गई है लेकिन धूल से बचने के लिए उसको रेटिंग प्रदान नहीं की गई है।
IP68,IP67,IP52 रेटिंग का क्या है मतलब
आईपी रेटिंग क्या है और क्यों दी जाती है समझ में आ गया होगा। अब समझिए की IP68,IP67,IP52 इनके बीच क्या अंतर होता है। आईपी 68 रेटिंग जिन डिवाइस को मिली होती है वह धूल और पानी से सबसे ज्यादा देर तक सुरक्षित रह सकते हैं। इन्हें अगर आधे घंटे तक 1.5 मीटर गहरे पानी में डुबोकर भी रखा जाता है तो इन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। IP67 भी लगभग सेम काम करती है लेकिन पानी की गहराई कम हो जाती है। इस रेटिंग के साथ 1 मीटर गहरे पानी में डिवाइस को आधा घंटा रखने पर फोन में कोई नुकसान नहीं होगा। IP52 रेटिंग का मतलब है कि डिवाइस को रेटिंग तो दोनों मिली हुई हैं लेकिन वह पानी और धूल से कुछ ही मिनट्स तक सुरक्षित रह सकता है।
वॉटरप्रूफ और स्प्लैशप्रूफ में अंतर
वॉटरप्रूफ और स्प्लैशप्रूफ इन दोनों के बीच भी अक्सर कन्फ्यूजन होता है। जिन डिवाइसेस को वॉटरप्रूफ रेटिंग मिली होती है उनमें पानी से कुछ भी नहीं होता है लेकिन जिन्हें स्प्लैशप्रूफ रेटिंग दी जाती है। वह पानी में डुबोने पर खराब हो सकते हैं उनको सिर्फ हल्की बूंदों से बचने के लिए रेटिंग दी जाती है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।