Facial Recognition Technology: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI का इस्तेमाल देश और दुनिया में लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से अब कई सारे काम आसान हो गए हैं। जिन चीजों को करने में पहले घंटों लगते थे वो काम बस अब एक क्लिक से हो जाता है। क्रिएटिव काम में AI का काफी इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन क्या आपको पता है? AI से अब आतंकियों पर लगाम लग सकेगी। आज हम आपको जम्मू कश्मीर में लागू हुई नई Facial Recognition Technology के बारे में बताने जा रहे हैं। जिससे आतंकियों का पहचान हो सकेगी। ये AI के माध्यम से होगा।चलिए जानते हैं ये कैसे करेगी काम?
Facial Recognition Technology कैसे करती है काम?
फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (Facial Recognition Technology) एक ऐसी तकनीक है जो कि, बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी की तरह ही काम करती है। ये पूरी तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चलती है। जो कि, आंखों, चेहरे और नाक से लोगों की पहचान करती है। इस तकनीक का इस्तेमाल फोटो और वीडियो को दिखाकर रियल टाइम की स्थिति को जानने के लिए किया जाता है। ये तकनीक एल्गोरिदम स्केल पर चलती है। इस तकनीक को सीधे शब्दों में समझे तो जिस तरह स्मार्ट फोन चेहरे को देखकर लॉक खोल देता है , ठीक उसी तरह ये अब अपराधियों और आतंकियों की पहचान के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
जम्मू कश्मीर में AI से होगी आतंकियों की पहचान
आपको बता दें, जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में बने नवयुगा टनल में इस फेशियल रिकग्निशन सिस्टम को लगाया है। तभी से ये काफी चर्चाओं में बना हुआ है। इस तकनीक से अब आतंकी ही नहीं बल्कि किसी भी प्रकार के अपराधी को पकड़ना और पहचान पाना काफी आसान हो जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से ये एक अच्छी AI तकनीक है।
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