Nokia in space: Nokia जल्द ही चांद पर 4G इंटरनेट को पहुंचाने की तैयारी कर रहा है। इसकी मदद से चांद पर जिंदगी के साक्ष्य ढूंढना काफी आसान होगा। इस प्रोजेक्ट को NASA ने नोकिया को सौंपा है। इस तकनीक को चांद पर बिछाने के लिए IM-2 Mission का इस्तेमाल किया जाएगा। इसे नवंबर 2023 में SpaceX की मदद से चांद पर प्रक्षेपित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की मदद से चांद पर इंसानों के बसने और वहां जाने वाले अंतरिक्ष मिशन क्रू के लिए काफी सुविधाजनक हो जाएगा।
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इस कंपनी के साथ होगी पार्टनरशिप
नोकिया चांद पर 4G इंटरनेट को बिछाने के लिए लूनर आउटपोस्ट के साथ इंस्टूटिव मशीन के साथ पार्टनरशिप कर रहा है। इस तकनीक के चांद पर पहुंचने से चांद पर इंटरनेट कनेक्टिविटी तो मिलेगी ही साथ ही इसकी मदद से चांद की जलवायु में होने वाली विषम परिस्थितियों का भी सामना किया जा सकेगा। इंस्टूटिव मशीन में डेवेलप किया गया नोवा सी लूनर लैंडर चांद पर सामान लेकर जाएगा। इसकी मदद से चांद पर होने वाले मिशन में लाभ होगा।
नासा ने नोकिया को दी जिम्मेदारी
NASA ने इस काम के लिए साल 2020 में नोकिया का चयन किया था। इसके बाद बेल लैब्स के लिए NASA ने 14.1 मिलियन की फंडिंग भी की। NASA इसकी मदद से लैंडर के शॉर्ट और लॉन्ग रेंज कम्युनिकेशन की काबिलियत को अलग-अलग स्तर पर चेक करना चाहता है। शुरुआत में तो इसका परीक्षण कुछ मीटर पर ही किया जाएगा लेकिन कुछ दिनों बाद इसे 2-3 किलोमीटर तक परीक्षण किया जाएगा।
आगामी मिशन में मिलेगा फायदा
चांद पर 4G इंटरनेट तकनीक पहुंचने के बाद भविष्य में चांद पर होने वाले मिशन में फायदा होगा। NASA 2025 में अपने दो अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही आगामी Artemis मिशन में भी इसका फायदा होगा। इसमें कई चीजों को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है जैसे- वॉयस कम्युनिकेशन, वीडियो कम्युनिकेशन आदि की काबिलियत में सुधार करने की कोशिश करेगा। इसकी मदद से बायोमेट्रिक डेटा एक्सचेंज करने में भी आसानी होगी।
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