Chandrayaan-3: चंद्रमा पर फिर दिन ढलना शुरू हो गया है। कुछ ही समय में चांद पर घना अंधेरा छा जाएगा। ऐसे चांद पर मौजूद चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के जागने की उम्मीद अब न के बराबर हो गई है। दोनों का सफर अब खत्म होता दिख रहा है। ISRO पिछले कई दिनों से लगातार दोनों को जगाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक की तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं। दोनों से ISRO को कोई सिग्नल नहीं मिले हैं।
ISRO की पूरी कोशिशें रही नाकाम
23 अगस्त को, ISRO का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था। इसके बाद अपनी खोज पूरी करने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान 2 सितंबर को स्लीप मोड पर चले गए थे। चंद्रमा पर सूर्य उदय होने के बाद से ISRO लगातार दोनों को जगाने की कोशिश कर रहा था, जो अब अपने अंतिम पड़ाव पर है।
कल से चंद्रमा पर अंधेरा छाना शुरू हो जाएगा। ऐसे में दोनों के जागने की उम्मीद बेहद कम है। हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी पहले ही कह चुकी है कि अगर लैंडर और रोवर एक बार फिर काम नहीं करेंगे तो भी मिशन सफल माना जाएगा। क्योंकि, मिशन को जिस काम के लिए चांद पर भेजा गया था, वो पूरा हो चुका है।
विक्रम और प्रज्ञान का क्या होगा?
बता दें कि चंद्रमा पर रात होती ही तापमान शून्य से माइनस 180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। अत्यधिक ठंड में बैटरियों और अन्य उपकरणों का खराब होना सामान्य बात है। ISRO को उम्मीद थी की सूर्य उदय होने के बाद विक्रम और प्रज्ञान पर लगे सोलर पैनल सौर ऊर्जा एक्टिवेट होगें और काम करने लगेंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। यहां ये बात भी जानने वाला है की विक्रम और प्रज्ञान को धरती पर लौटने के लिए तैयार नहीं किया गया है। ऐसे में अगर दोनों नहीं जागते है, तो दोनों को वहीं रहना होगा।
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