Smartphone: भारत में स्मार्टफोन (Smartphone) की मांग और बाजार दोनो ही काफी बढ़ा है। यही वजह है कई विदेशी कंपनियों के मोबाइल भारत में बहुत तेजी से बिक जाते हैं। स्मार्टफोन का निर्माण भारत से बाहर होता था, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेत़ृत्व में लगातार चीनी कंपनियों पर दबाव डाला जा रहा है। आपको बता दें कि कुछ समय पहले तक कुछ ही कंपनियां अपने मोबाइल का उत्पादन भारत में करती थी। मगर अब लगता है कि ये सिलसिला जल्द बदलने वाला है।
Smartphone निर्माण पर बदल गया चीनी कंपनियों की मन
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार के दबाव के चलते कई चीनी कंपनियों ने अपना फैसला बदल दिया है। चीनी कंपनियां अब बड़े स्तर पर भारत में ही स्मार्टफोन का निर्माण करेंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की सबसे बड़ी फोन निर्माता कंपनी बीबीके ग्रुप भारत में फोन का उत्पादन करने वाली कंपनियां जैसे डिक्शन टेकनोलॉजीज और कार्बन ग्रुप के साथ पार्टरनशिप करेगी।
ये कंपनियां करेंगी Smartphone का स्थानीय निर्माण
बताया जा रहा है कि बीबीके ग्रुप ओप्पो, वीवो और रियलमी स्मार्टफोन का स्थानीय निर्माण करेगी। ऐसे में प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशियटिव यानी पीएलआई स्कीम का फायदा मिलेगा। खबरों के मुताबिक, वीवो और रियलमी ने हाल ही में कॉर्बन प्लांट में कुछ स्मार्टफोन का उत्पादन शुरू किया है। बताया जा रहा है कि इस प्लांट में महीनेभर का 10 लाख यूनिट का टारगेट सेट किया गया है।
चीनी कंपनियों की बढ़ी हैं मुश्किलें
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते कुछ सालों में चीनी कंपनियां सीमा शुल्क और इनकम टैक्स की चोरी से लेकर धनशोधन मामले की वजह से किसी भी प्लांट में सीधे निवेश करने से बच रही हैं। भारत सरकार पिछले काफी समय से चीनी कंपनियों पर भारत में ही फोन निर्माण के लिए प्रेशर डाल रही है। ऐसे में रिपोर्ट्स में अब दावा किया जा रहा है धीरे-धीरे चीनी कंपनियां अपनी जिद छोड़कर सरकार की बात मान रही हैं।
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