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Tech Industry Slowdown: टेक उद्योग की वृद्धि पड़ी धीमी,NASSCOM की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

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Tech Industry Slowdown
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Tech Industry Slowdown: देश में लगातार तकनीकी विकास हो रहा है। लोग इसका लाभ भी उठा रहे हैं। लेकिन उद्योग निकाय नैसकॉम की रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है। NASSCOM ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक रणनीतिक समीक्षा में कहा कि, भारत में प्रौद्योगिकी उद्योग वित्तीय वर्ष 2023-24 में साल-दर-साल 3.8% बढ़कर 253.9 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।

लेकिन इसकी वृद्धि में कमी देखी गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि, वित्त वर्ष 2014 से टेक उद्योग की वृद्धि धीमी होकर 3.8% हो गई। ये वृद्धि 2013 में 8.4% थी। ऐसे में इसमें कमी दर्ज की गई है।

NASSCOM क्या है?

NASSCOM की फुल फॉर्म नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज है। जिसका काम स्वतंत्र रुप से सर्वे करके रिपोर्ट देना है।

टेक उद्योग की वृद्धि पड़ी धीमी Tech Industry Slowdown

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, पिछली चार तिमाहियों से अधिक समय से ये कमी दर्ज की जा रही है। आर्थिक मंदी के कारण इसका कमजोर होना बताया गया है। इस दौरान नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने अपने बयान में कहा कि,“सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, यह 3.8% की वृद्धि वाला वर्ष था…जबकि निर्यात थोड़ा धीमा हो गया…घरेलू बाजार सबसे तेजी से बढ़ा, जो एक बड़ा आश्चर्य था जब भी कोई बड़ा बदलाव हो रहा है, तकनीकी उद्योग जानता है कि कैसे अनुकूलन करना है और लचीलापन प्रमुख जादुई शब्द है,”

रिपोर्ट में कहा गया है कि, तकनीकी उद्योग वित्त वर्ष 24 में आईटी सेवाओं, व्यवसाय प्रक्रिया प्रबंधन, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर उत्पादों और इंजीनियरिंग सेवाओं में राजस्व में $9.3 बिलियन की वृद्धि करेगा। FY23 में यह 18.6 बिलियन डॉलर था। इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि,253.9 बिलियन डॉलर के राजस्व में से, 54.4 बिलियन डॉलर का योगदान घरेलू बाजार से 5.9% की वृद्धि के साथ होने का अनुमान है, जबकि 199 बिलियन डॉलर का निर्यात व्यवसाय 3.3% की दर से कमजोर हो रहा है।

कॉग्निजेंट इंडिया के चेयरमैन और एमडी और नैसकॉम के चेयरपर्सन राजेश नांबियार का बड़ा बयान

​कॉग्निजेंट इंडिया के चेयरमैन और एमडी और नैसकॉम के चेयरपर्सन राजेश नांबियार ने कहा, “देश का भविष्य तकनीक से प्रेरित है। कुल मिलाकर, हम 250 अरब डॉलर के राजस्व के साथ वैश्विक सोर्सिंग हब के रूप में नंबर एक हैं। फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से लगभग 90% भारतीय टेक कंपनियों के ग्राहक हैं। हम भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं…हालांकि यह साल उद्योग के लिए थोड़ा धीमा रहा है।’

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