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भारत के ऐतिहासिक मून मिशन Chandrayaan-3 में इन संस्थाओं ने निभाई अहम भूमिका, कई स्टार्टअप कंपनियों का भी है योगदान

Chandrayaan-3: भारत की कई कंपनियों और स्टार्टअप्स ने चंद्रयान-3 को संभव बनाने वाली प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को विकसित करने के लिए कई वर्षों तक काम किया है। मिशन की सफलता के लिए उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण आवश्यक है। आज इन कंपनियों के लिए भी बड़ा गर्व का दिन होने वाला है।

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Chandrayaan-3
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Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रमा पर दूसरी बार अंतरिक्ष यान उतारने के प्रयास में 14 जुलाई को चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) लॉन्च किया था। सफल होने पर भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

चंद्रयान-3 मिशन के पीछे जहां ISRO (Indian Space Research Organisation) प्रमुख संगठन है, वहीं कई अन्य स्टार्टअप और कंपनियों ने भी इसकी सफलता में योगदान दिया है।

चंद्रयान-3 पर कई वर्षों तक चला काम

इन कंपनियों और स्टार्टअप्स ने चंद्रयान-3 को संभव बनाने वाली प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को विकसित करने के लिए कई वर्षों तक काम किया है। मिशन की सफलता के लिए उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण आवश्यक है।

इन कंपनियों के अलावा, ISRO ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी और नासा जैसे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ भी सहयोग किया है। मिशन के लिए जमीनी समर्थन प्रदान करने में यह सहयोग आवश्यक रहा है।

इन कंपनियों ने निभाई अहम भूमिका

लार्सन एंड टुब्रो (L&T): एलएंडटी ने अंतरिक्ष यान के लिए हीट शील्ड, प्रणोदन प्रणाली और लैंडिंग गियर सहित विभिन्न घटकों की आपूर्ति की।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL): HAL ने विक्रम लैंडर का निर्माण किया, जो चंद्रमा पर उतरने वाले अंतरिक्ष यान का हिस्सा है।

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL): बीएचईएल ने अंतरिक्ष यान के लिए बिजली प्रणाली की आपूर्ति की।

पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज: पारस डिफेंस ने अंतरिक्ष यान के लिए नेविगेशन प्रणाली की आपूर्ति की।

गोदरेज एयरोस्पेस: गोदरेज एयरोस्पेस एक भारतीय एयरोस्पेस कंपनी है। यह चंद्रयान-3 मिशन के लिए कई घटकों के विकास में शामिल रहा है, जिसमें लैंडर की हीट शील्ड और रोवर का लैंडिंग गियर शामिल है।

एमटीएआर टेक्नोलॉजीज: एमटीएआर टेक्नोलॉजीज एक भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है। इसने चंद्रयान-3 मिशन के लिए कई घटकों का निर्माण किया है, जिसमें लैंडर की प्रणोदन प्रणाली और रोवर की नेविगेशन प्रणाली शामिल है।

अनंत टेक्नोलॉजीज: अनंत टेक्नोलॉजीज एक भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी है। इसने चंद्रयान-3 मिशन के लिए कई सेंसर विकसित किए हैं, जिनमें लैंडर का कैमरा और रोवर का प्रॉक्सिमिटी सेंसर शामिल हैं।

श्री वेंकटेश्वर एयरोस्पेस: श्री वेंकटेश्वर एयरोस्पेस एक भारतीय एयरोस्पेस कंपनी है। इसने चंद्रयान-3 मिशन के लिए कई संरचनात्मक भागों का निर्माण किया है, जिसमें लैंडर के पैर और रोवर की चेसिस शामिल हैं।

मिधानी: मिधानी एक भारतीय इंजीनियरिंग कंपनी है। इसने चंद्रयान-3 मिशन के लिए महत्वपूर्ण मिश्र धातुओं की आपूर्ति की है, जिसमें लैंडर की हीट शील्ड और रोवर के पहिये शामिल हैं।

हिमसन औद्योगिक सिरेमिक: हिमसन इंडस्ट्रियल सिरेमिक एक भारतीय सिरेमिक कंपनी है। इसने चंद्रयान-3 मिशन के उपकरणों को अत्यधिक तापमान से सुरक्षित रखने के लिए घटकों की आपूर्ति की है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO): ISRO अंतरिक्ष अनुसंधान और अन्वेषण के लिए जिम्मेदार भारत सरकार की एजेंसी है। चंद्रयान-3 मिशन की समग्र योजना और कार्यान्वयन के लिए इसरो जिम्मेदार था।

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को होगा फायदा

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक बड़ा मील का पत्थर है। यह उन कई लोगों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है जो इस परियोजना में शामिल रहे हैं। मिशन की सफलता भारत के लिए गर्व का क्षण होगा और अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रेरित करेगी।

इन कंपनियों के अलावा, कई अन्य संगठन भी थे जिन्होंने चंद्रयान -3 मिशन की सफलता में योगदान दिया। इनमें भारत और दुनिया भर के विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान और सरकारी एजेंसियां शामिल हैं।

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