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TRAI: सिम कार्ड स्वैप कराने वाले ध्यान दें, अब इतने दिनों तक नहीं करा सकेंगे पोर्ट

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TRAI: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत कुछ हद तक धोखेबाजों पर लगाम लग जाएगी। अंग्रेजी अखबार द हिन्दू की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, सिम कार्ड स्वैप कराने के बाद सात दिनों के भीतर पोर्टिंग की अनुमति नहीं मिलेगी। ये फैसला ट्राई की तरफ से लिया गया है। जिसमें बताया गया है कि, सिम के खो जाने या फिर चोरी हो जाने पर जो पुराने सिम का नंबर निकलवाया जाता है। उस नंबर को 7 दिनों तक किसी अन्य नेटवर्क पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।

TRAI ने सिम कार्ड को लेकर नियमों में किया बदलाव

ट्राई ने 15 मार्च को नियमों में संशोधन करते हुए कहा, इस स्थिति में दूरसंचार ग्राहकों को अपने वर्तमान नेटवर्क प्रदाता से पोर्ट आउट करने की अनुमति नहीं देने की बात कही है।ये नियम दूरसंचार ऑपरेटरों को “यूनिक पोर्टिंग कोड” (यूपीसी) जारी करने से रोकते हैं जो मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का उपयोग करके प्रदाताओं को बदलने का काम करता है।

इस संशोधन के बाद नए ग्राहकों के नाम पर धोखेबाजों द्वारा सिम स्वैपिंग/रिप्लेसमेंट के तुरंत बाद मोबाइल कनेक्शन की पोर्टिंग को रोका जा सकेगा। यह कदम ट्राई द्वारा उठाए गए कई स्पैम विरोधी कदमों में से एक है। आपको बता दें, इससे पहले ट्राई ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) की तरफ से एक ऐसा प्रस्ताव भी आया है। जिसमें कॉल करने वाला का नंबर स्क्रीन पर दिखेगा। इससे फेक कॉलर्स पर लगाम लगेगी।इतना ही नहीं DoT ने “संदिग्ध धोखाधड़ी संचार” की रिपोर्टिंग के लिए एक पोर्टल चक्षु भी लॉन्च किया है।

यूजर्स को मिलेगा फायदा

टेलीकॉम कंपनियों को एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में पोर्ट करते समय ग्राहकों की पहचान का मिलान करना होगा। ट्राई ने ये भी कहा कि पोर्टिंग के दौरान केवाईसी की दोबारा जांच करने के इस सुझाव की “अलग से जांच” की जाएगी।ट्राई की तरफ से उठाए गए इस कदम से यूजर्स को बड़ा फायदा मिलेगा।

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