Chandrayaan-3: भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 तेजी से प्रगति कर रहा है। चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर लगातार अपनी रिसर्च जारी रखे हुए हैं। अब तक रोवर चांद और वहां के वातावरण से जुड़ी कई अहम जानकारियां वैज्ञानिकों तक पहुंच चुका है। इसी बीच प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर कुछ अजीबो गरीब गतिविधियों दर्ज की हैं। जिसे देख ISRO वैज्ञानिक भी दंग रह गए। फिलहाल वैज्ञानिकों में इसकी चर्चा का दौर जारी है। ISRO इन गतिविधियों की जांच कर रहा है।
क्या चांद पर आया था भूकंप ?
दरअसल, 25 और 26 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगे पेलोड पर कुछ अजीब गतिविधियां दर्ज हुईं। ISRO ने बताया कि चंद्रयान-3 के लैंडर चंद्र भूकंपीय गतिविधियों (आईएलएसए) को दर्ज करने के लिए एक पेलोड उपकरण लगाया गया है, जो रोवर और अन्य पेलोड की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है।
ISRO के अनुसार, चंद्रमा पर भेजे गए इस पहले माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) ने 26 अगस्त, 2023 को एक प्राकृतिक प्रतीत होने वाली घटना को रिकॉर्ड किया है। इस घटना के स्रोत की जांच की जा रही है।
चांद की सतह पर महसूल हुई थी कंपन
ISRO ने बताया कि ILSA चंद्रमा की सतह के कंपन से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखता है। यह सभी प्रकार के कंपनों को लॉग करता है, जिनमें प्राकृतिक भूकंप, प्रभाव और मानव निर्मित गतिविधियों के कारण होने वाले कंपन भी शामिल हैं। बेंगलुरु स्थित ISRO सुविधा, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला (एलईओएस) ने आईएलएसएस पेलोड को विकसित किया है। जबकि, इसे चंद्रयान-3 में स्थापित करने का काम यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के वैज्ञानिकों ने पूरा किया था।
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