UP Assembly Bypolls 2024: यूपी विधानसभा उपचुनाव के लिए जारी मतदान के बीच सूबे के दो प्रमुख दल आमने-सामने हैं। ये दल हैं BJP और समाजवादी पार्टी (SP)। सपा और बीजेपी के आमने-सामने होने की वजह है ‘बुर्का’ पॉलिटिक्स। दरअसल, यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Assembly Bypolls 2024) के लिए जारी मतदान के बीच बीजेपी की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। बीजेपी ने पत्र के माध्यम से बुर्का पर सवाल उठाए हैं।
पार्टी ने चुनाव आयोग (Election Commission) से मांग की है कि “बुर्का पहनी महिलाओं की पहचान सुनिश्चित हो।” वहीं अखिलेश यादव की सपा का रुख इससे ठीक उलट है। सपा ने चुनाव आयोग से अपील की है कि “पुलिस द्वारा बुर्का महिला वोटर्स की जांच न की जाए। इससे मुस्लिम महिलाएं डर जाती है।” सवाल ये है कि यूपी विधानसभा उपचुनाव के लिए जारी मतदान के बीच बुर्का को लेकर छिड़ी जंग का असर क्या मतदाताओं पर होगा?
UP Assembly Bypolls 2024- ‘बुर्के’ पर छिड़ी सियासी जंग!
कुंदरकी से लेकर खैर, मीरापुर और करहल तक जारी मतदान के बीच बुर्के पर सियासी जंग छिड़ी है। यूपी बीजेपी (BJP) की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस मामले में एक पत्र भी लिखा गया है। इस पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया गया है कि “पहले भी बुर्का पहन कर मतदान प्रभावित करने की कोशिश सामने आ चुकी है। बीजेपी का कहना है कि यदि पर्दानशीन महिलाओं की पहचान सुनिश्चित किए बिना मतदान की अनुमति दी जाती है तो फर्जी मतदान होगा। इसलिए पर्दानशीन महिलाओं की पहचान सुनिश्चित कर मतदान कराया जाए।”
बीजेपी के साथ सपा (SP) भी ‘बुर्के’ पर खुल कर अपना पक्ष रख रही है। सपा ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिख कर ऐसा न करने की अपील की। सपा के पत्र का संज्ञान चुनाव आयोग ने लिया। चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से स्पष्ट किया गया कि “पुलिस का काम पहचान पत्र देखना नहीं है, ना ही किसी मतदाता को पर्दा हटाने या अन्य तरीके से प्रभावित करना है। शांति व्यवस्था का कार्य पुलिस को देखना है, सभी मतदाता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और स्वतन्त्र हो कर मतदान करें।”
क्या यूपी विधानसभा उपचुनाव में मतदाताओं पर पड़ेगा BJP-SP के आमने-सामने होने का असर?
यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Assembly Bypolls 2024) के तहत आज 9 सीटों पर मतदान हो रहा है। इसमें कुछ ऐसी भी सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका मे हैं। इनमें मीरापुर, कटेहरी, कुंदरकी, सीसामऊ और फूलपुर सीट का नाम शामिल है। इन 5 सीटों को मुस्लिम बहुल सीट माना जाता है। पूर्व के आंकड़े देखें तो BJP ने वर्ष 2022 में इन 5 सीटों में से सिर्फ एक सीट (फूलपुर) पर जीत दर्ज की थी। शेष सीटें सपा गठबंधन के खाते में गई थीं।
दावा किया जा रहा है कि यदि ‘बुर्के’ को लेकर बीजेपी और सपा के रुख का असर मतदाताओं पर पड़ा तो चुनाव दो वर्गों के बीच बंट सकता है। हालांकि, इसकी संभावनाएं फिलहाल कम जताई जा रही हैं। वजह ये है कि सभी सीटों पर लगभग 30 फीसदी तक मतदान हो चुके हैं। मतदान के लिए 5 घंटे का वक्त और बचा है। ऐसे में ध्रुविकरण की संभावना फिलहाल न के बराबर है।
हालांकि, सियासत तो संभावनाओं का खेल है। यहां कब क्या हो जाए ये भला किसे पता है? ऐसे में यूपी विधानसभा उपचुनाव के बीच जारी मतदान के बीच बुर्के को लेकर छिड़ी जंग का असर मतदाताओं पर कितना पड़ेगा ये देखना दिलचस्प होगा। इसके लिए 23 नवंबर का इंतजार करना होगा। इस दिन नतीजों के ऐलान के साथ सभी दांवे छट जाएंगे और तथ्य सामने आएंगे।