Avadh Ojha Viral Video: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन और शिक्षा प्रदान करने वाले अवध ओझा (Avadh Ojha) का नाम सोशल मीडिया पर सुर्खिया बटोर रहा है। अवध ओझा अपनी खास अदा और बयानबाजी को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। वो कभी भारतीय राजनीति में नौकरशाहों की भागीदारी की बात करते हैं तो कभी पुतिन और ट्रंप जैसे वैश्विक नेताओं की उपलब्धि का कारण बताते नजर आते हैं।
हालांकि, आज उनके सुर्खियों में आने का कारण भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर दिया गया एक बयान है। अवध ओझा एक मंच से राहुल गांधी को नरेन्द्र मोदी से बेहतर नेता बताते नजर आ रहे हैं जिसका वीडियो (Avadh Ojha Viral Video) सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है।
Avadh Ojha Viral Video- UPSC शिक्षक का बड़ा खुलासा!
अवध ओझा ने ‘दी लल्लनटॉप’ के साथ बातचीत में एक बड़ा खुलासा किया है। पत्रकार सौरभ द्विवेदी ने उनसे सवाल पूछा कि “बेहतर नेता कौन है? नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) या राहुल गांधी?” इस सवाल का जवाब देते हुए अवध ओझा कहते हैं कि “बेहतर नेता थे नरेन्द्र मोदी, अब राहुल गांधी हैं।” इसके बाद पत्रकार फिर सवाल पूछते हैं कि पब्लिक कहेगी अब आप कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए अवध ओझा (Avadh Ojha) कहते हैं “नहीं-नहीं मैं टिकट नहीं मांग रहा हूं। जिस तरह से उन्होंने (Rahul Gandhi) मेहनत की है और अपनी जगह बनाई है, हमारे UPSC के फील्ड में जो भी 95 प्लस जाता है उसका प्री निकल जाता है। राहुल जी का 99 पर प्री निकल गया है। 29 में मेंस और 34 में इंटरव्यू प्रधानमंत्री! ऐसा मैं नहीं, ऐसा लोगों की उत्तेजना कह रही है।”
अवध ओझा का BJP से मोहभंग!
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो क्लिप के आधार पर यूजर्स के मन में ये भी ख्याल आ रहा है कि अवध ओझा का बीजेपी (BJP) से मोहभंग तो नहीं हो गया। बता दें कि अवध ओझा (Avadh Ojha) यूं तो कभी बीजेपी के सदस्य नहीं रहे हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्होंने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी। इसके बाद सियासी गलियारों में एक नई चर्चा शुरू हुई।
दावा किया गया कि अवध ओझा गोंडा लोकसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि, बीजेपी ने अपने पुराने नेता कीर्तिवर्धन सिंह को गोंडा से उम्मीदवार बनाया जो अब चुनाव जीतकर केंन्द्र में मंत्री भी हैं। अवध ओझा ने भी बाद में स्पष्टीकरण जारी कर मुलाकात को एक शिष्टाचार और सामान्य भेंट बताया था। उनका कहना था कि उनकी और केशव मौर्य की मुलाकात को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। यही वजह है कि अब जैसे ही अवध ओझा ने राहुल गांधी को बेहतर नेता बताया है, बीजेपी से उनके मोहभंग के दावे शुरू हो गए हैं।