Dhirendra Shastri Viral Video: हिंदू धर्म गुरु धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुयायी लाखों की संख्या में है। ये अनुयायी ना सिर्फ मध्य प्रदेश (MP) से आते हैं, बल्कि यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी इनकी संख्या अच्छी तादाद में है। यही वजह है कि बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) पीठाधीश्वर के एक-एक बयान का व्यापक असर देखने को मिलता है। बीते दिनों उन्होंने छत्तीसगढ़ के कवर्धा से महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में मुस्लिम समुदाय की एंट्री को लेकर बड़ी बात कही है, जिसका वीडियो (Dhirendra Shastri Viral Video) सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
धीरेन्द्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने कहा कि मुस्लिमों के पवित्र तीर्थस्थल मक्का-मदीना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “क्या मक्का-मदीना (Mecca-Madinah) में हिन्दुओं की दुकानें हैं?” धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि वे अखाड़ा परिषद (Akhara Parishad) के बयान का समर्थन करते हैं कि महाकुंभ में मुस्लिमों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अखाड़ा परिषद और बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर के इस बयान को मुस्लिम समुदाय के बहिष्कार के रूप में देखा जा रहा है। इसमें आर्थिक बहिष्कार का पहलु भी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय के इस बहिष्कार का असर क्या होगा?
Dhirendra Shastri Viral Video- बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर ने किया अखाड़ा परिषद का समर्थन!
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अखाड़ा परिषद का समर्थन किया है। अखाड़ा परिषद ने बीते दिनों यूपी के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh) में मुसलमानों को दुकान नहीं देने का प्रस्ताव पास किया था। परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सरकार से अनुरोध किया था कि गैर हिंदू समाज को महाकुंभ में एंट्री न दी जाए। धीरेन्द्र शास्त्री (Dhirendra Shastri Viral Video) ने एक बयान के माध्यम से इस मांग का समर्थन किया है।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “मक्का-मदीना में तो सनातनी हिंदुओं की दुकानें नहीं है। वहां आप लोगों को जाने नहीं दिया जाता। मक्का-मदीना में भगवा धारण कर आप प्रवेश नहीं कर सकते, उस पर रोक है। तो फिर मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम? हमारे संतों और त्रिवेणी संगम की महिमा हम सब जानते हैं। हमारे शंकराचार्य, अखाड़ा परिषद जो निर्णय लेंगे, हम उससे सहमत हैं।” धीरेन्द्र शास्त्री के इस कथन को लेकर अब खूब सुर्खियां बन रही हैं और इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
क्या हो सकता है आर्थिक बहिष्कार का असर?
महाकुंभ (Mahakumbh) संस्कृति, परंपरा और विरासत का प्रतीक है। इसमें मुस्लिम समुदाय की एंट्री को लेकर किए जा रहे तमाम तरह के दावे को आर्थिक बहिष्कार के रूप में देखा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मुसलमानों को दुकान नहीं देना आर्थिक बहिष्कार की दिशा में एक कदम है। ऐसे में भविष्य में इसका क्या असर हो सकता है इसको लेकर भी चर्चा की जा रही है।
टिप्पणीकारों की मानें तो सर्वप्रथम इस कदम का असर आपसी सौहार्द पर पड़ सकता है। इससे दो समुदाय के बीच आपसी दूरी और मतभेद बढ़ने की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा आर्थिक असमानता पर भी इस कदम का असर पड़ सकता है। दावा किया जा रहा है कि यदि ऐसा हुआ तो आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी और समाज का एक तबका आर्थिक तंगी की मार झेल सकता है। वहीं आपसी मतभेद बढ़ने की संभावना का लाभ गलत धारणा के लिए भी उठाए जाने की संभावना बढ़ सकती है।