Viral Video: भारत में विभिन्न प्रकार की बोलचाल की भाषा इस्तेमाल की जाती है। मालूम हो कि हर कुछ किलोमीटर पर भाषाएं बदल जाती है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल (Viral Video) हो रहा है, जहां युवती मेट्रो लिफ्ट में एक परिवार द्वारा अपनी मातृभाषा बोलने के कारण उनलोगों पर नस्लीय टिप्पणी करती है, जिसका वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। चलिए आपको समझाते है कि क्या है पूरा मामला।
Viral Video में जमकर हुई लड़ाई
दरअसल Viral Video को Bengali Nationalist के एक्स हैंडल से शेयर किया गया है। इस वीडियो में युवती द्वारा कहते हुए सुना जा सकता है कि “आप बांग्लादेश में नहीं है, आप भारत में है। पश्चिम बंगाल भारत का एक हिस्सा है। आपको बंगाली आती है हिंदी नहीं आती है”। युवती आगे कहता है कि पश्चिम बंगाल आपका नही है, मेट्रो आपका नहीं है। आप भारत में है और हिंदी नहीं आती है”। इस पर महिला बंगाली भाषा में महिला कहती है कि “हम पश्चिम बंगाल के रहने वाले है”। इसके बाद युवती महिला को धमकी देती की “मैं आपको मैं जेल में भेज दूंगी। बार- बार युवती महिला के मातृभाषा ( बंगाली भाषा) पर टिप्पणी करती है।
हिंदी बनाम क्षेत्रीय भाषा पर छिड़ी जंग का वीडियो वायरल
इंडिया में हिंदी से ज्यादा क्षेत्रीय भाषा बोली जाती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि हर राज्य की अपनी अलग भाषा है। हालांकि कई बार हिंदी भाषी लोग और क्षेत्रीय भाषा लोगों के बीच विवाद हो जाता है। मालूम हो कि अभी हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एलाईसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए वेबसाइट पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया था। उन्हें अपने एक्स हैंडल पर लिखा था कि
“एलआईसी की वेबसाइट हिंदी थोपने का प्रचार माध्यम बनकर रह गई है। यहां तक कि अंग्रेजी का चयन करने का विकल्प भी हिंदी में प्रदर्शित होता है!” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अधिनियम भारत की सांस्कृतिक विविधता को कमजोर करता है”।
Viral Video पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि इस वायरल वीडियो (Viral Video) के बाद लोग जमकर इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। एक यूजर ने लिखा कि
“भारत की हिंदी भाषा के अनुसार कृपया इस विदूषक को उसके देहाती हिंदी प्रदेश में निर्वासित कर दें”। एक और यूजर ने लिखा कि
“उसे एक बार बेंगलुरु भेजो। अहंकार दूर हो जाएगा”। वहीं एक और यूजर ने कहा कि
“यदि बांग्ला बोलने पर आपको बांग्लादेशी की श्रेणी में रखा जाता है तो हिंदी में बोलने को भी पाकिस्तानी की श्रेणी में रखा जाना चाहिए”।