GST Fraud: जीएसटी को लेकर आज भी व्यापारियों और ग्राहकों में बहस देखने को मिल ही जाती है। उनकी माने तो इसे समझ पाना आम लोगों की बात नहीं है। इसके लिए काफी माथा पच्ची करनी पड़ती है तब जाके इसके नियम कानून समझ में आते हैं। शायद यही वजह है कि इसको लेकर बाजार से धोखाधड़ी की खबर भी सुनने को मिल ही जाती है। ताजा खबर यूपी से है, जहां जीएसटी के मामले में धोखाधड़ी को लेकर तीन आरोपियों को हिरासत मे लिया गया है। उन पर 557 करोड़ रुपयो की हेरा-फेरी के आरोप हैं।
क्या है मामला
खबरों की माने तो जीएसटी अधिकारियों ने फर्जी तौर तरीकों से 557 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITS) पास कराने के मामले में शामिल 246 फर्जी संस्थाओं से जुड़े दो फर्जी बिलिंग रैकेट का खुलासा किया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ये फर्जी रैकेट इस तरह के स्कैम को अंजाम देता था। इसके साथ ही अधिकारियों ने इस मामले में तीन प्रमुख संचालकों को गिरफ्तार किया है। खबरों की माने तो इन रैकेट्स को पहले भी फर्जी कंपनियों के साथ संबंध रहा है।
जब्त किए गए मौबाइल फोन और लैपटॉप
जीएसटी अधिकारियों ने इस मामले में कार्यवाही करते हुए दो आरोपियों के लैपटॉप और मोबाइल फोन को जब्त कर लिया है और साथ ही इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। इसके अतिरिक्त फोन और लैपटॉप से अवैध लेन-देन के संबंध में चैट और मैसेज भी मिले हैं। फर्जी जीएसटी बिल, बही खाता बिल और चालान आदि मिलने से इन आरोपियों पर गंभीर कार्यवाही की जा सकती है।
वित्त मंत्रालय ने दी ये जानकारी
खबरों की माने तो इस मामले में वित्त मंत्रालय ने बैंक कर्मचारियों के संलिप्तता के अंदेशे भी लगाए हैं। उनकी माने तो इस मामले में बैंक कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं क्योंकि बिना उनकी मर्जी के फर्जी नामों से खाता नहीं खोला जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इन जैसे अवैध काम करने वाले लोग ही मामूली मौद्रिक लाभ के बदले गरीब, जरूरतमंद और अति पिछड़े लोगों की आईडी हासिल करने में माहिर हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि दो आरोपी क्रमशः आनंद कुमार और अजय कुमार को हिरासत में ले लिया गया है और उन पर जांच के उपरांत कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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