Afghanistan में रह रही महिलाओं की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। बता दें कि, जब से अफगानिस्तान पर तालिबानियों ने कब्जा किया है तब से वहां की महिलाओं पर जबरदस्ती कानून थोपे जा रहे हैं। तालिबानियों ने अफगान में रह रही महिलाओं के साथ यूएन मिशन के एनजीओ के लिए काम करने वाली महिलाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिए।
UN की महिला कर्मचारियों के काम करने पर लगाया प्रतिबंध
आपको बता दें कि, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन यानी (यूएनएएमए) की ओर से बताया जा रहा है कि, यहां पर पूर्वी नंगरहार प्रांत में संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों को काम करने से रोक दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार ऐसा तब हुआ जब तालिबानी हुकूमत महिलाओं के खिलाफ फैसले ले रही है। संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक का कहना है कि, यूएनएएमए को संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों के काम करने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश की जानकारी मिली है। वह आदेश पूरे देश पर लागू किया गया है।
I strongly condemn the prohibition of our Afghan female colleagues from working in Afghanistan’s Nangarhar province.
If this measure is not reversed, it will inevitably undermine our ability to deliver life-saving aid to the people who need it.
— António Guterres (@antonioguterres) April 4, 2023
बताया परेशान करने वाली हरकत
स्टीफन दुजारिक ने आगे कहा कि, इस तरह के बयान पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि, “इस तरह का कोई भी प्रतिबंध अस्वीकार्य और स्पष्ट रूप से अकल्पनीय होगा। यह एक परेशान करने वाली हरकत है, भला ऐसा कोई कैसे कर सकता है? ये (तालिबानी) फरमान सबसे ज्यादा जरूरतमंदों तक सहायता संगठनों की मदद पहुंचाने की क्षमता को कम कर रहा है।”
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अफगानिस्तान में भुखमरी से जूझ रहे थे लोग
बता दें कि, कल जब तालिबानी महिलाओं के अधिकार पर रोक लगा रहे थे तब कई एनजीओ ने अपने पूरे अभियान को रोक लिया था। जिसके कारण अफगानिस्तान के कई करोड़ लोगों पर संकट के बादल छा गए थे। सहायता एजेंसियों के अनुसार उन लोगों में से आधे भुखमरी से जूझ रहे थे। इसके बाद जब कुछ दिनों तक विचार करने के बाद यह सहमति बनी थी कि स्वास्थ्य सहायता क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को तालिबानी प्रतिनिधियों से छूट दी जाएगी और संयुक्त राष्ट्रीय के कर्मचारी जिनमें सहायता क्षेत्र के लोग भी शामिल है कभी भी प्रतिबंध के अधीन नहीं रहेंगे।
विश्व निकाय के कार्यबल को बढ़ाया
इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र ने बीते मंगलवार को कहा कि, तालिबान सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाली महिलाओं पर प्रतिबंध को 400 अफगान महिलाओं के विश्व निकाय के कार्यबल तक बढ़ा दिया है। स्टीफ़न दुजारिक ने संवाददाताओं से कहा, “यूएनएएमए को वास्तव में अधिकारियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र की महिला राष्ट्रीय कर्मचारियों के सदस्यों के काम करने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश मिला है। यह पूरे देश पर लागू होता है।