Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को ईडी ने 21 मार्च 2024 को कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। बता दें कि गिरफ्तारी के बाद से ही सियासी उठापटक तेज हो गई है। वहीं आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर देश से नही बल्कि विदेश से प्रतिक्रिया आ रही है। पहले जर्मनी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अपना बयान जारी किया था। वहीं कल यानि 26 मार्च को यू.एस की तरफ से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बयान जारी किया गया। बता दें कि इसी बीच विदेश मंत्रालय की तरफ से नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के कार्यवाहक उप-प्रमुख को तलब किया गया।
विदेश मंत्रालय ने जताई अपनी कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाहियों के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। कूटनीति में, राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है। साथी लोकतंत्रों के मामले में यह जिम्मेदारी और भी अधिक है। अन्यथा यह अस्वास्थ्यकर मिसाल कायम कर सकता है। भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो उद्देश्यपूर्ण और समय पर परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है। उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है”।
भारत ने जर्मनी के राजनायिक को किया था तलब
बता दें कि इससे पहले जर्मनी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया दी गई थी। जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने इसपर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इसका कड़ा विरोध किया था। इसके अलावा भारत ने जर्मनी के राजनयिक को तलब किया था। बता दें कि जर्मनी ने एक बयान में कहा था कि हम मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानकों को भी इस मामले में लागू किया जाएगा।”