Thursday, December 19, 2024
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Bangladesh Job Quota Protest: देशव्यापी प्रदर्शन में 100 से ज्यादा मौत! कर्फ्यू के कारण छावनी में तब्दील हुआ बंग्लादेश

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Bangladesh Violence: हिंसा की गूंज मौके से इतर अन्य कई हिस्सों में सुनाई देती है। यही वजह है कि बांग्लादेश में चल रहे हिंसा (Bangladesh Violence) की चर्चा देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में है।

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Bangladesh Job Quota Protest: भारत के पड़ोस में स्थित बंग्लादेश में इन दिनों स्थिति ठीक नहीं नजर आ रही है। दरअसल बंग्लादेश में सरकारी नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण के खिलाफ देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन (Bangladesh Job Quota Protest) हो रहा है जो कि लगातार हिंसक होता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस हिंसक विरोध प्रदर्शन की आग में अब तक 100 से ज्यादा जिंदगियां खाक हो चुकी हैं।

बंग्लादेश में सत्तारुढ़ दल आवामी लीग की प्रमुख व राष्ट्र की प्रधानमंत्री शेख हसीना के निर्देश पर पूरे देश में सेना व पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। सेना की तैनाती के बीच देश के विभिन्न हिस्से को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। शासन का दावा है कि जल्द ही प्रदर्शनकारी छात्रों से संवाद स्थापित कर स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

देशव्यापी प्रदर्शन में 100 से ज्यादा मौत!

बंग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में आरक्षण के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच अब तक 105 नागरिकों के मारे जाने की खबर है। इसमें प्रदर्शनकारी से लेकर देश के आम नागरिक तक शामिल हैं। बंग्लादेश में चल रहा ये प्रदर्शन कुछ इस कदर हिंसक हो गया है कि पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प की खबरें भी सामने आ रही हैं। हालाकि बंग्लादेश सरकार लगातार स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रयासरत है।

छावनी में तब्दील हुआ देश

बंग्लादेश में सरकारी नौकरी के खिलाफ चल रहा ये देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शेख हसीना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। शेख हसीना के प्रेस सचिव नईमुल इस्लाम खान का कहना है कि सरकार पर स्थिति पर नियंत्रण पाए जाने और ने कर्फ्यू व अधिकारियों की मदद के लिए सेना तैनात करने का फैसला किया है। बंग्लादेश में कर्फ्यू लगाने के बाद देश को विभिन्न हिस्सों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?

बंग्लादेश में हो रहे विरोध प्रदर्शन का प्रमुख कारण है सरकारी नौकरी में वॉर हीरो के वंशजों को मिलने वाला आरक्षण। दरअसल बंग्लादेश में आरक्षण सिस्टम के तहत कुल 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं। इसमें 30 प्रतिशत 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों (वॉर हीरो) के वंशजों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10 प्रतिशत महिलाओं, 5 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों और 1 प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं। प्रदर्शनकारी छात्र मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों (वॉर हीरो) के वंशजों को मिलने वाले 30 फीसदी आरक्षण के खिलाफ ही प्रदर्शन कर रहे हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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