Bangladesh Unrest: भारत के पड़ोसी मुल्क बंग्लादेश में महीनों से चली आ रही हिंसात्मक विरोध-प्रदर्शन का परिणाम अंतत: सामने आ चुका है। बंग्लादेश के पहले प्रधानमंत्री रहे शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी व ‘आवामी लीग’ की नेत्री शेख हसीना ने भी प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर भाग निकली हैं।
बंग्लादेश की कमान तत्काल प्रभाव से सेना के हाथों में है और सेना ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया है ताकि स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके। बंग्लादेश में हुए इस तख्तापलट के बाद विश्व के तमाम देशों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है जिससे शेख हसीना की चिंता और बढ़ सकती है। अमेरिका, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन समेत पश्चिम के तमाम देशों में बंग्लादेश (Bangladesh Unrest) में गठित होने वाली अंतरिम सरकार का स्वागत कर इशारों-इशारों में ही शेख हसीना के पूर्व सरकार को दमनकारी बताया है।
बंग्लादेश तख्तापलट पर विश्व की प्रतिक्रिया
बंग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद विश्व के तमाम देशों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। बंग्लादेश की ताजा हालात पर अमेरिका विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर का कहना है कि “हम स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ा है। हम सभी पक्षों से हिंसा छोड़ने का आग्रह करते हैं और शांति व संयम बरतने की अपील करते हैं।”
ब्रिटेन की सरकार ने बंग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। ब्रिटेन सरकार की ओर से विदेश सचिव डेविड लैमी का कहना है कि “देश में अभूतपूर्व स्तर की हिंसा से लोगों की जीवनहानि दुखद है। अब सभी पक्षों को हिंसा समाप्त कर, शांति बहाल करने, स्थिति को कम करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
जर्मनी की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि बंग्लादेश में अशांति के बीच जरूरी है कि देश अपने लोकतांत्रिक पथ पर आगे बढ़े। जर्मनी के इस कथन को पूर्व की सरकार (शेख हसीना) पर करारा प्रहार बताया जा रहा है।
यूरोपीय संघ ने भी बंग्लादेश में उपजी इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है और प्रवक्ता जोसेफ बोरेल की प्रतिक्रिया सामने आई है। यूरोपीय संघ (EU) का कहना है कि “EU शांति और संयम का आह्वान करता है। बंग्लादेश के लिए यह महत्वपूर्ण है कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों के पूर्ण सम्मान में सरकार के लिए एक व्यवस्थित और शांतिपूर्ण परिवर्तन सुनिश्चित किया जाए।”
क्या बढ़ेगी शेख हसीना की चिंता?
बंग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद भारत के शरण में पहुंची पूर्व पीएम शेख हसीना की चिंता बढ़ सकती है। दरअसल विश्व के तमाम देश अब इशारों-इशारों में ही शेख हसीना के दमनकारी नीति और सरकार चलाने की पद्धति का विरोध कर रहे हैं। वहीं सेना ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अंतरिम सरकार का गठन बंग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) व अन्य राष्ट्रीय दलों की सहमति और सहभागिता के तर्ज पर किया जाएगा। इसमें शेख हसीना की आवामी लीग भाग नहीं ले सकेगी। ऐसे में शेख हसीना के भविष्य पर भी ग्रहण लगता नजर आ रहा है और इससे उनकी चिंता बढ़ सकती है।