Bangladesh Violence: भारत से मदद की गुहार के बीच पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का क्रम जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश के शकुई इलाके में एक निर्माणाधीन मंदिर में देवी-देवता की दो मूर्तियों को तोड़ दिया गया। इसके अलावा मैमनसिंह और दिनाजपुर में उपद्रवियों ने तीन हिंदू मंदिरों को निशाना साधा है। इस पूरे प्रकरण को लेकर बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार फिर कठघरे में खड़ी नजर आ रही है। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में अजहरुल नामक एक शख्स को गिरफ्तार किया है। बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश हिंसा (Bangladesh Violence) को लेकर अपना पक्ष रखा है। भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया है कि 8 दिसंबर तक हिंदुओं पर हमले के कितने मामले सामने आए हैं।
Bangladesh Violence उपद्रवियों ने हिंदू मंदिर पर साधा निशाना
समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उपद्रवियों ने शकुई क्षेत्र में पड़ने वाले हिंदू मंदिर पर निशाना साधा है। उपद्रवियों ने गुरुवार रात शकुई इलाके में पड़ने वाले एक मंदिर में तोड़फोड़ की है। इस पूरे प्रकरण में उत्तरी मयमेंघ जिले के अंतर्गत आने वाली हलुआघाट पुलिस ने अजहरुल नामक शख्स को गिरफ्तार किया है। बता दें कि मैमनसिंह और दिनाजपुर में भी हिंदू मंदिरों पर निशाना साधा गया था जिसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर सवाल उठे थे।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर विदेश मंत्रालय का पक्ष
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमले से जुड़े मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय का पक्ष सामने आया है। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट किया कि “8 दिसंबर 2024 तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के 2200 मामले सामने आए हैं। अन्य पड़ोसी देशों (पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर) में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के शून्य मामले हैं। सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है। भारत की अपेक्षा है कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी।”
विदेश मंत्रालय की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया कि “9 दिसंबर, 2024 को विदेश सचिव की बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। ढाका में भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। भारत सरकार राजनयिक चैनलों के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठाती है और अंतरिम सरकार से धार्मिक असहिष्णुता को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।”
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से लगाई मदद की गुहार
मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। अंतरिम सरकार ने भारत से 50 हजार टन चावल निर्यात करने की बात कही है, ताकि खाद्य संकट से निपटा जा सके। इसकी जानकारी बांग्लादेश के वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद के हवाले से सामने आई। इन तमाम सियासी उठा-पटक के बीच ली अंतरिम सरकार के सलाहकार महफूज आलम का एक विवादित फेसबुक पोस्ट चर्चाओं में है। इस पोस्ट में कहा गया कि भारत को उस विद्रोह को मान्यता देनी चाहिए, जिसने तत्कालीन पीएम शेख हसीना को इस्तीफा देने पर मजबूर किया था। हालांकि, बाद में पोस्ट डिलीट कर दिया गया। महफूज आलम के इस पोस्ट पर भारत से कड़ी आपत्ति जताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है और भारत को चेताया है।