India Vs Bharat: भारत में इन दिनों देश बदलने के नाम (India Bharat Row) पर बहस छिड़ी हुई है। राजनीतिक दल इस मुद्दे पर दो खेमों में बंटे नजर आ रहे हैं, एक वो जो इसका समर्थन कर रहे हैं और दूसरे वो जो इसके विरोध में हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ था जब जी20 रात्रिभोज के इनविटेशन कार्ड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को “इंडिया के राष्ट्रपति” के बजाय “भारत के राष्ट्रपति” कहकर संबोधित किया गया था। जिसके बाद से देश में नाम बदलने के मामले पर सियासत गरमाई हुई है।
पिछले साल तुर्की ने बदला था अपना नाम
इस मामले पर अब संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का बयान सामने आया है। संयुक्त राष्ट्र के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि देश बदलने पर तब विचार किया जाता है, जब कोई देश नाम बदलने का अनुरोध करता है। अधिकारी ने तुर्की का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसा पहले तुर्की के साथ हो चुका है। पिछले साल ही उन्होंने अपने देश का नाम तुर्की से तुर्किये कर लिया था।
‘…हम आवेदन पर करेंगे विचार’
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक से जब इस बारे में सवाल पूछ गया तो उन्होंने कहा, “इंडिया का नाम बदलकर भारत किया जा सकता है। हम पहले भी ऐसा कर चुके हैं। पिछले साल ही तुर्की ने अपना नाम बदलने को लेकर आवेदन किया था। अब उसे तुर्किये कहा जाता है। अगर इंडिया से भारत करने पर हमें आवेदन प्राप्त होता है, तो हम उस पर विचार करेंगे।”
‘इंडिया-भारत विवाद को न दें तूल‘
एक ओर जहां इंडिया बनाम भारत विवाद पर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने मंत्रियों को इस विवाद को तूल न देने को कहा है। बुधवार (6 सितंबर) को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उन्होंने कहा कि इस मामले पर सिर्फ अधिकृत लोगों को ही बोलना है। जो इस पर बोल रहे है, वे संविधान के अनुसार तथ्यों पर टिके रहें और मुद्दे की मौजूदा स्थिति पर भी बात करें।
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