Brics Summit 2024: भारत और चीन के रिश्तें किसी से छुपे नहीं है। इसी बीच भारत चीन के रिश्ते को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। एक बड़ी कूटनीतिक सफलता में भारत सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर पहुंचे है। मालूम हो कि साल 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ी हुई है।
वहीं गलवान झड़प के बाद राहुल गांधी समेत कई विपक्ष के नेता ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा था, और दावा किया था कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसके अलावा आज पीएम मोदी Brics Summit 2024 में हिस्सा लेने के लिए रूस के कज़ान के लिए रवाना हो चुके है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि LAC पर समझौते के बाद क्या PM Modi और Xi Jinping की मुलाकात हो सकती है, और क्या भारत को चीन पर भरोसा करना चाहिए? चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी
Brics Summit 2024 के लिए PM Modi रवाना
बता दें कि PM Modi ने इसकी जानकारी देते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के कज़ान के लिए रवाना हो रहे हैं। भारत ब्रिक्स को अत्यधिक महत्व देता है और मैं विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा की आशा करता हूं। मैं वहां विभिन्न नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं”।
गौरतलब है कि बीते दिन यानि 21 अक्टूबर को विदेश सचिव ने जानकारी देते हुए कहा था कि दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर पहुंचे है। वहीं अब यह भी कयास लगाए जा रहे है कि Brics Summit 2024 में पीएम मोदी और Xi Jinping की मुलाकात हो सकती है। हालांकि इसे लेकर अभी किसी भी तरह की अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
क्या मोदी सरकार ने Rahul Gandhi और अन्य दलों की किया चुप
गौरतलब है कि गलवान झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनातनी काफी बढ़ गई थी। जिसके बाद राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों ने दावा किया था कि चीनी सैनिक कई किलोमीटर भारतीय सीमा के अंदर घुस चुके है। (Brics Summit 2024) जिसका बाद यह मुद्दा काफी गरमा गया था। वहीं अब माना जा रहा है कि इस समझौते के बाद मोदी सरकार ने Rahul Gandhi समेत अन्य विपक्षी दलों को चुप कर दिया है। हालांकि LAC समझौते को लेकर चीन की तरफ से किसी भी तरह का बयान जारी नहीं किया गया है।
क्या भारत को चीन पर भरोसा करना चाहिए?
गौरतलब है कि चीन की चाल से पूरी दुनिया वाकिफ है। कई बार चीन ने भारत के भरोसे को भी तोड़ा है। हालांकि LAC समझौते को लेकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा यह सराहनीय कदम है लेकिन भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार मोदी सरकार को इसे एक सफलता के रूप में नहीं देखना चाहिए। चीन ने अभी तक इस मुद्दें पर अपना बयान जारी नहीं किया है (Brics Summit 2024)।