Libya floods : लीबिया का डेरना शहर इस समय अपनी तबाही को लेकर दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। लीबिया में पहले तूफान और उसके बाद आई बाढ़ ने लगभग एक चौथाई देश को पूरी तरह तबाह करके रख दिया है। बता दें कि अभी तक मिले आंकड़ों के अनुसार शहर में करीब 20,000 लोगों की मौत की आशंका है।
शहर बना मुर्दाघर
एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार शहर की सभी सड़कों पर लाशें पड़ी है और बहुत बड़ी संख्या में लोग लापता हो गए है। लापता लोगों में से ज्यादातर लोग समुद्र में आई बाढ़ के साथ ही पानी में बह गए हैं। जिस कारण लोगों को अपनों की लाशें भी देखने को नहीं मिल रही हैं। शहर के अंदर मुर्दाघर पूरी तरह से भर गए हैं और लोगों को लाशों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनानी पड़ रही हैं।
WHO ने कहा बचायी जा सकती थी लोगों की जान
लीबिया की इस बदहाली पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि देश में पिछले 10 सालों से गृह युद्ध चल रहा है। जिसके कारण वहां कोई भी मौसम विभाग से जुड़ी संस्था काम नहीं कर रही है। इसके अलावा गृह युद्ध के ही कारण देश में दो अलग-अलग सरकारें चल रही है जिनमें कोई भी पूरी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती है। WHO कहता है कि अगर वहां बाढ़ और तूफान की तैयारी की जाती तो बड़ी संख्या में लोगों की जान बचायी जा सकती थी। लोगों को समय से पहले बाढ़ वाले स्थान से कहीं दूर ले जाया जा सकता था मगर संस्थाओं के अभाव के कारण वहां किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया
गौरतलब है कि इससे पहले इस तबाही के बाद प्रधानमंत्री ओसामा हमाद ने देश में 3 दिन तक झंडा झुकाने का आदेश दिया और शोक की घोषणा की है। विनाशकारी तूफान डेनियल के बाद आई बाढ़ ने डेरना में भारी तबाही मचाई है। इसके बाद इस शहर को आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है।
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