Donald Trump: रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चुनावी जीत दर्ज करने के बाद एक के बाद एक सधी चाल चल रहे हैं। उनका हर निर्णय नाप-तौल कर लिए निर्णय के समान प्रतीत हो रहा है। इसी क्रम में ट्रंप ने अमेरिकी सरकार में तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) की आधिकारिक एंट्री भी करा दी है। उन्हें राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (US Intelligence Chief) बनाया गया है। इससे पहले ट्रंप ने माइक वाल्ट्ज को अमेरिका (America) का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (DOGE) का हिस्सा बनाया था।
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के इन फैसलों की चर्चा दुनिया भर में है। दावा किया जा रहा है कि रिपब्लिकन उम्मीदवार (Republican Candidate) ने अपनी सधी चाल से पाकिस्तान-चीन (Pakistan-China) को करारा झटका दे दिया है। इससे वैश्विक मंच पर समीकरण बदलने की संभावना है। ऐसा क्यों कहा जा रहा है और इसके पीछे क्या-क्या तर्क दिए जा रहे हैं। इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने की कोशिश करेंगे।
Donald Trump की सधी चाल, पाक-चीन को झटका!
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी चीन-पाकिस्तान के लिए अच्छ संकेत नहीं दे रही है। ट्रंप ने एक के बाद एक ऐसे-ऐसे नौकरशाहों और नेताओं को सरकार का हिस्सा बनाया है जो मुखरता से चीन या पाकिस्तान की नीतियों का विरोध करते रहे हैं।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (US Intelligence Chief) बनीं तुलसी गबार्ड की बात करें तो वे हिंदू समुदाय से आती हैं। जानकारी के मुताबिक हिंदू धर्म में रुचि के कारण ही उनका नामक तुलसी (Tulsi Gabbard) पड़ा। ऐसे में स्वभाविक तौर पर भारत की ओर उनका झुकाव होने की बात कही जा रही है। हालांकि, आगामी समय में उनकी कार्यशैली को देखकर ही किसी भी संभावना पर चर्चा करना उचित होगा।
माइक वाल्ट्ज (Michael Waltz) को लेकर भी कई तरह की सुर्खियां बन रही हैं। दरअसल, उन्हें अमेरिका (America) का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया गया है। माइक वाल्ट्ज भारत-अमेरिका के संबंध को सुधारने और चीन की मुखरता से विरोध के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने वर्ष 2021 में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि चीन-पाक गठजोड़ भारत और अमेरिका के सुरक्षा हेतु जोखिम है। वाल्ट्ज ने वैश्विक मजबूती के लिए भारत के साथ गठबंधन का समर्थन किया था। ऐसे में उनकी नियुक्ति चीन-पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका बताई जा रही है।
Vivek Ramaswamy और Elon Musk की नियुक्ति पर चर्चा!
अमेरिकी सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (DOGE) नाम से नए विभाग का गठन किया है। अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) और भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) को इस विभाग का प्रमुख बनाया गया है। ये दोनों शख्सियत अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, लेकिन सरकार के विभिन्न कामकाज को बेहद करीब से देखेंगी। दावा किया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप का ये कदम भी वैश्विक मंच पर बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है।
चीन-पाक के प्रति Donald Trump का सख्त रवैया!
डोनाल्ड ट्रंप की जीत चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ी झटका मानी जा रही है। दरअसल, ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल का मूल्यांकन करें तो कुछ चीजें स्पष्ट होती नजर आएंगी। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान प्रायोजित आतंकवाद के लिए चीन और पाकिस्तान (China-Pakistan) को संयुक्त रूप से खरी-खोटी सुनाने का काम किया था। उन्होंने तब पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक सहायता भी रोक दी थी। ऐसे में ये स्पष्ट है कि उनका ज्यादातर कदम चीन-पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है और आगामी समय में इसका असर देखने को मिल सकता है।