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Economic Crisis In Pakistan: बहुत बुरा है पाकिस्तान का दर्द-ए-हाल, रक्षा मंत्री बोले- नहीं हैं चुनाव कराने के पैसे

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Economic Crisis In Pakistan

Economic Crisis In Pakistan: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती (Economic Crisis In Pakistan) ही जा रही है। ऐसे में जहां पाकिस्तान आवाम ऊंची महंगाई का सामना कर रही है, वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान के एक मंत्री ने देश का बड़ा सच जाहिर किया है।

दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों के कार्यक्रम में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि चुनाव कराने के लिए वित्त मंत्रालय के पास फंड नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर से हम आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

पाकिस्तान में आर्थिक संकट

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को वाशिंगटन स्थित ग्लोबल ऋणदाता 1.1 बिलियन डॉलर की धनराशि का इंतजार है। ये पिछले साल नवंबर में वितरित होने वाली थी। उन्होंने कहा कि हम कमजोर स्थानीय मुद्रा और धीरे-धीरे कम होते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहे हैं।

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पाकिस्तान को IMF फंड का इंतजार

आपको बता दें कि पाकिस्तान ने IMF फंड को अनलॉक करने के लिए बढ़े हुए करों को, सब्सिडी उठाने, हाई ऊर्जा की कीमतों, रुपये के अवमूल्यन और 25 सालों उच्चतम ब्याज दरों में वृद्धि जैसे कई नीतिगत उपायों पर अमल किया है। इतना सब करने के बाद भी आईएमएफ ने अभी तक पाकिस्तान के लिए ऋण जारी नहीं किया है।

चुनाव आयोग के फैसले के बाद आया बयान

याद रहे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पाकिस्तानी पंजाब में होने वाले प्रांतीय चुनावों को स्थगित करने का आदेश दिया है।

पीएम शहबाज शरीफ ने किया था बड़ा ऐलान

बीते दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऐलान किया था कि अब ग्राहकों से ईंधन के लिए अधिक पैसा वसूला किया जाएगा। वसूले गए उन पैसों का देश की गरीब जनता को सब्सिडी देने के लिए किया जाएगा, जो मुद्रास्फीति से बुरे तरह से प्रभावित हुए हैं।

रमजान में और बढ़ सकती है महंगाई 

पाकिस्तान की आवाम के लिए रमजान को लेकर मुसीबतें बढ़ गई है। दरअसल,पाकिस्तान में महंगाई 1974 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है। ऐसे में पहले से आसमान छूती महंगाई के बीच रमजान के महीने में और अधिक महंगाई बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में पाकिस्तान के अधिकतर लोग अपने बच्चों को तीन वक्त का खाना भी नहीं खिला पा रहे हैं।

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