Donald Trump: रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप जीत के बाद लगातार सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने डेमोक्रेट्स के नीतियों से इतर अपने सरकार के लिए नियुक्तियां भी शुरू कर दी हैं। इन नियुक्तियों में सबसे खास है मार्को रुबियो (Marco Rubio) और माइक वाल्ट्ज (Mike Waltz) की नियुक्ति। दरअसल, मार्को रुबियो ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री तो वहीं माइक वाल्ट्ज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के पद पर अपनी सेवा देंगे।
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से की गई ये दोनों नियुक्तियां भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं। दावा किया जा रहा है कि आगामी दिनों में भारत-अमेरिका (India-America Relations) के संबंध और बेहतर हो सकेंगे। इसकी वजह क्या है इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने की कोशिश करेंगे।
क्या Donald Trump की पसंद भारत के लिए है सकारात्मक संकेत?
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कुछ कदम भारत के लिए सकारात्मक संकेत हैं। इसमें प्रमुख है मार्को रुबियो (Marco Rubio) और माइक वाल्ट्ज की नियुक्ति। मार्को रुबियो ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री के पद पर अपना कार्यभार संभालेंगे। उनकी विचारधारा लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने, मानवता का प्रसार और कट्टरपंथ पर लगाम लगाने की रही है।
रुबियो चीन की नीतियों के सख्त आलोचक रहे हैं। उन्होंने कई दफा सार्वजनिक मंचों से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) की निंदा की है। ऐसे में चीन के प्रति उनके सख्त रुख भारत सहित एशिया के अन्य देशों के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं। दावा किया जा रहा है कि रुबियो के कार्यकाल में भारत व अमेरिका के संबंध (India-America Relations) और मजबूत हो सकते हैं।
अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के पद पर माइक वाल्ट्ज (Mike Waltz) की नियुक्ति भी भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। दरअसल, माइक वाल्ट्ज ने पूर्व में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के आलोचक के रूप में अपनी भूमिका निभाई है। ऐसे में अब NSA के पद उनकी नियुक्ति दर्शाती है कि आगामी दिनों में अमेरिका की विदेश नीति कैसी रहेगी। भारत-अमेरिका की बात करें तो दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में पहले ही बेहतर साझेदार रहे हैं। ऐसे में अब वाल्ट्ज की नियुक्ति सुरक्षा नीति को एक नई दिशा देने में सहायक साबित हो सकती है।
क्या अमेरिका में चीन के खिलाफ बिछ रही बिसात?
माइक वाल्ट्ज और मार्को रुबियो जैसे शख्सियत का ट्रंप सरकार का हिस्सा बनना कई अहम सवालों को जन्म देता है? चीन के प्रखर आलोचक रहे दोनों शख्स की नियुक्ति क्या जिंगपिंग सरकार के खिलाफ बिछ रही बिसात का संकेत है? क्या ट्रंप के इस कदम से चीन को आगामी दिनों में झटका लग सकता है? हालांकि, इन सवालों को प्रमुखता देना या इस पर किसी तरह की संभावना जताना अभी जल्दबाजी होगी। टिप्पणीकारों की मानें तो अभी थोड़ा इंतजार कर ट्रंप के शासन की शुरुआत देखने के बाद ही इस संदर्भ में कुछ कहा जा सकता है।