Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद से अयोग्य घोषित किए जाने का मामला अब बढ़ता ही जा रहा है। जहां एक तरफ कांग्रेस नेता काले कपड़े पहनकर संसद से सड़क तक इसका विरोध जाता रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अब विदेशों में भी ये मामला तूल पकड़ रहा है। देश की राजनीति में इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस जहां आमने सामने हैं वहीं विदेशों के मंत्रालय के द्वारा राहुल गांधी के इस मामले को लेकर अलग – अलग प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं।
ऐसे में पूर्व सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में अब जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय की तरफ से बुधवार को कहा गया कि ” हमें भरोसा है कि राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई भारतीय कानून के दायरे में होगी साथ ही उनके मौलिक अधिकारों को भी ध्यान में रखा गया होगा।”
न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का रखा गया होगा ध्यान
अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के मामले को विदेश में उठाया है। जर्मनी विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता ने इस मामले को लेकर मीडिया से बात की है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि ” जर्मनी के मंत्रालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दोषी पाए जाने का एक मामला सामने आया है। इस मामले में उन्हें दो साल की सजा हुई है साथ ही उनकी संसद सदस्यता को भी खत्म कर दिया गया है।
ऐसे में राहुल गांधी अभी हाईकोर्ट में इसको लेकर अपील कर सकते हैं लेकिन भारतीय कानून पर हमें भरोसा है कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पूरी तरह से संवैधानिक है। इसके साथ ही प्रवक्ता ने ये भी कहा है कि राहुल गांधी के पक्ष को भी सुनते समय उनके मौलिक अधिकारों का भी भारतीय कानून ध्यान रखेगा। वहीं जर्मनी के प्रवक्ता के द्वारा कही गई इन बातों को लेकर अभी तक किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई है।
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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रखी अपनी बात
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ” पूर्व सांसद राहुल गांधी को दोषी भारतीय कानून के नियमों के तहत ठहराया गया है। इसमें किसी भी तरह का सवाल खड़ा करना हमारे न्याय व्यवस्था के खिलाफ होगा। वहीं उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति देश के सुप्रीम कोर्ट से बड़ा नहीं हो सकता है।”
आखिर क्या है पूरा मामला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी से साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। इस बयान के बाद सूरत के एक विधायक ने उनके खिलाफ मानहानि का केस कर दिया था। ऐसे में सूरत की कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई। इस सजा के ऐलान के बाद लोकसभा समीति ने सांसद पद से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया।
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