Glasgow Incident: भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर ग्लासगो गुरुद्वारा की कमेटी की तरफ से नाराजगी जताई गई है। कमेटी की तरफ से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि सिख समुदाय के पूजा स्थल पर इस तरह के बर्ताव की हम कड़ी निंदा करते हैं। बता दें कि दोरईस्वामी के साथ हुए बुरे व्यवहार की वजह से उन्हें गुरुद्वारे से प्रार्थना किए बिना वापस होना पड़ा।
नाराज हुई गुरुद्वारा कमेटी
ग्लासगो गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब सिख सभा की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया, ’29 सितंबर 2023 को जब भारतीय उच्चायुक्त निजी यात्रा पर पहुंचे। तब ग्लासगो गुरुगुद्वारा में एक घटना हुई।’ आगे बताया गया, ‘ग्लासगो इलाके के बाहर के कुछ अनजान लोगों ने उनकी यात्रा में बाधा डालने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें परिसर छोड़कर जाना पड़ा।’
आगे कहा गया कि उच्चायुक्त के जाने के बाद भी उन लोगों ने अशांति फैलाना जारी रखा। समिति ने कहा, ‘ग्लासगो गुरुगुद्वारा सिख समुदाय के प्रार्थना स्थल पर ऐसे बर्ताव की कड़ी निंदा करता है। गुरुद्वारा सभी समुदायों और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए खुला है। हम यहां सभी का स्वागत करते हैं।’
ग्लासगो गुरुद्वारा की महासचिव ने की कड़ी निंदा
ग्लासगो गुरुद्वारा की महासचिव प्रभजोत कौर ने भारतीय उच्चायुक्त, विक्रम दोराईस्वामी के साथ हुई इस घटना की कड़ी निंदा की है। महासचिव प्रभजोत कौर ने इसे गलत बताया। “उच्छृंखल व्यवहार।” कौर ने कहा कि ग्लासगो गुरुद्वारे में हुई घटना के बाद स्कॉटलैंड पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुरुद्वारा सभी समुदायों के लोगों के लिए खुला है और वे अपनी आस्था के सिद्धांतों के अनुसार सभी का खुले तौर पर स्वागत करते हैं।
प्रभजोत कौर ने कहा, “29 सितंबर, 2023 को ग्लासगो गुरुद्वारे में एक घटना घटी, जहां भारतीय उच्चायुक्त स्कॉटिश संसद के एक सदस्य की निजी यात्रा पर थे। ग्लासगो क्षेत्र के बाहर से कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने ऐसा करने का प्रयास किया।” इस यात्रा को बाधित किया, जिसके बाद मेहमान दल ने आगंतुकों के जाने के बाद परिसर छोड़ने का फैसला किया।”
पूरा मामला क्या है?
जानकारी के लिए बता दें कि गुरुद्वारा पहुंचे विक्रम को खालिस्तानी समर्थकों ने रोक दिया था। खबर यह भी है कि भारतीय राजनयिक गुरुद्वारा समिति से मुलाकात करने पहुंचे थे। इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटेन के सामने मुद्दा उठाया और कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि लंदन में भारतीय उच्च आयोग की तरफ से बयान जारी किया गया था कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने जानबूझकर राजनयिक की यात्रा में बाधा डाली और उन्हें परेशान करने की पूरी कोशिश की।
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