Gurpatwant Pannun: खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस-SFJ (प्रतिबंधित) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) ने बीते दिन भारत के लिए धमकी भरा संदेश जारी कर कहा कि “सिख दंगों के 40 साल होने पर 1 से 19 नवंबर के बीच यात्री एयर इंडिया (Air India Flight) फ्लाइट में यात्रा न करें। इस दौरान विमानों पर हमला हो सकता है।”
हालाकि ये पहला मौका नहीं है जब गुरपतवंत पन्नू (Gurpatwant Pannun) द्वारा धमकी भरा संदेश जारी किया गया है। पन्नू के इस संदेश के बाद सवाल ये उठ रहा है कि आखिर अमेरिका (US) ने इस पर चुप्पी क्यों साध रखा है? अमेरिका (America) में बैठे पन्नू को ज़हर उगलने की छूट क्यों दी जा रही है? ऐसे में आइए हम आपको इस तरह के तमाम सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं।
Gurpatwant Pannun की धमकी
सिख अलगाववादी नेता गुरुपतवंत पन्नू ने (Gurpatwant Pannun) बीते दिन एक धमकी भरा संदेश जारी किया है। पन्नू ने कहा है कि “यात्री 1 से 19 नवंबर तक Air India की उड़ानों में यात्रा न करें। पन्नू का दावा है कि सिख नरसंहार की 40वीं बरसी पर एयर इंडिया (Air India Flight) की उड़ान पर हमला हो सकता है।”
US की चुप्पी का राज क्या?
गुरुपतवंत पन्नू (Gurpatwant Pannun) को कथित तौर पर अमेरिका ने शरण दिया है। पन्नू अभी एसएफजे (Sikh For Justice) का संचालन अमेरिका से ही करता है। पन्नू के एजेंडा को आगे बढ़ाने में पाकिस्तान का भी हाथ शामिल है जिसकी जानकारी अमेरिका (US) और कनाडा (Canada) को है। हालाकि फिर भी इन दोनों देशों ने चुप्पी साध रखी है।
अमेरिका का दावा है कि वो अभिव्यक्ति की आजादी को समर्थन देता है। यही वजह है कि पन्नू के उपर कोई एक्शन नहीं ले रहा। इसके अलावा अन्य कुछ डिप्लोमेटिक कारणों से यूएस ने चुप्पी साध रखी है जिसको लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
Gurpatwant Pannun की धमकी पर विदेश मंत्री S Jaishankar का करारा जवाब
गुरुपतवंत पन्नू (Gurpatwant Pannun) को लेकर चुप्पी साधने और अभिव्यक्ति की आाजादी का दावा करने पर आज विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अमेरिका (US) पर इशारों-इशारों में निशाना साधा है। एस जयशंकर ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि “मान लीजिए कि यही धमकी आपको दी जाती, यह आपकी एयरलाइन होती, आपके नेता, आपके राजनयिक, आपकी संसद, तो आप इसे कैसे लेंगे? हल्के से तो नहीं, आप ऐसा नहीं करते।” एस जयशंकर का ये बयान इशारों-इशारों में यूएस के लिए बताया जा रहा है।
खालिस्तान को मिला ISI का समर्थन?
सिख फॉर जस्टिस (SFJ) हो या अन्य अलगाववादी संगठन इन्हें पाकिस्तान के ISI का भी समर्थन प्राप्त होने का दावा किया जाता है। पन्नू (Gurpatwant Pannun) की गतिविधियां और खालिस्तानी रेफरेंडम भारत की एकता को तोड़ने का प्रयास है। इसके लिए आईएसआई भी खालिस्तान को समर्थन देती है। कई मौकों पर ये बात सार्वजनिक भी हो चुकी है।
पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद सलमान यूनुस भी एसएफजे का सक्रिय सदस्य हुआ करता था। इसके साथ मिलकर पन्नू ने कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट (KKRF) बनाया ताकि भारत और कश्मीर को खालिस्तानी मूवमेंट से परेशान किया जा सके।