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पाकिस्तानी वरिष्ठ पत्रकार का Honey Trap पर बड़ा खुलासा, ISI और PTI ऐसे बनाता था शिकार

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Honey Trap

Honey Trap: पाकिस्तान के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथॉरिटी के पूर्व अध्यक्ष अबसार आलम ने आएसआई, राजनीति और तानाशाही नीतियों के खिलाफ एक लंबा कॉलम लिखा। उन्होंने 11 मार्च को बिजनेस ऑफ वीडियोज, डॉटर्स ऑफ द नेशन एंड अ पेनफुल रियलिटी शीर्षक के तहत ट्रैप रणनीतियों पर कॉलम लिखकर हनी ट्रैप मामले को उजागर किया है। उन्होंने इस कॉलम में नौ सालों को कवर किया है।

अबसार आलम ने किया ये खुलासा

अबसार आलम को अपने विरोधी सैन्य और आईएसआई रुख के लिए जाना जाता है। उन्होंने 11 मार्च को राजनीति और तानाशाही नीतियों में दखल के खिलाफ ISI द्वारा किए जाने वाले हनी ट्रैप पर एक लंबा कॉलम लिखा। इस कॉलम को साल 2014 को कवर करते हुए एंकर व्यक्ति बतूल राजपूत के रहस्योद्घाटन के साथ शुरू किया जाता है जो ISI अधिकारी द्वारा राष्ट्रीय हित में एजेंसी के लिए काम करने की पेशकश है। इसमें जियो एंकर पत्रकार सलीम सफी को फंसाता है। इस कॉलम में न ही सलीम सफी का नाम लिया गया है और न ही ISI के कर्नल का लिया गया है लेकिन सलीम सफी ने अपने नाम को उजागर करने की इच्छा जताी जिसके बाद अबसार आलम ने एक ट्वीट में सलीम सफी के नाम का खुलासा किया।

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ISI और PTI गठजोड़ को किया उजागर

इस कॉलम में ISI और PTI के गठजोड़ को उजागर किया गया है। इसके अलावा इसमें युवा लड़कियों को फंसाने, उन्हें ब्लैकमेल करने और राजनयिकों समेत कई अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके पर्सनल वीडियो बनाने में ISI अधिकारियों और वरिष्ठ सेना अधिकारियों की मिलीभगत को भी उजागर किया गया है।  हनी ट्रैप मामले की रणनीति को डिकोड करते हुए याद किया कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने एक्सटेंशन मिलने के बाद कुछ एंकरों को बुलाया और उन्होंने उन एंकरों को चीफ जस्टिस साकिब निसार से मुलाकात के दौरान एक वीडियो दिखाया जिसमें देखा जा सकता था कि एक महिला अनैतिक काम कर रही है।

जनरल बाजवा की राष्ट्र सेवा से प्रभावी हुए चीफ जस्टिस साकिब निसार

जनरल बाजवा ने साकिब निसार से कहा कि देश हित के लिए ऐसे काम करने पड़ते हैं ताकि दूसरों के रहस्यों को उजागर किया जा सके। इस बात को जानकर और महिला द्वारा देश हित में दिए गए बलिदान को देखकर चीफ जस्टिस जनरल बाजवा की राष्ट्र सेवा के लिए काफी प्रभावित हुए।

कैसे एंकरों को बनाया जाता था शिकार

आलम ने बताया कि एक महिला एंकर से कहा गया कि तुम अपनी पत्रकारिता के साथ ही ISI के साथ मिलकर देश हित के लिए भी काम कर सकती हैं। ऐसा करने से उन्हें पदोन्नति दी जाएगी और राष्ट्रीय सेवा के लिए पहचान भी। इस मामले में एंकर से यह भी कहा गया था कि उनका चेहरा उजागर नहीं किया जाएगा। इसके लिए महिला एंकर को एक पुरुष एंकर से दोस्ती करने को कहा गया और ऐसा इसलिए करना था ताकि वे पुरुष एंकर को उनकी लाइन का पालन करने के लिए ब्लैकमेल कर सकें। इस मामले को एंकर के सामने इतनी साधारण तरह से बताया गया जैसे यह कोई मामूली बात हो। आलम ने कहा कि इससे पता चलता है कि किस तरह से देश की बेटियों का जीवन उनके शोषण के बाद नष्ट कर दिया जाता है।

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